CJP हेट हटाओ: नफ़रत के ख़िलाफ़ एकता की पहल सूचना, शिकायत, पड़ताल, अदालत नफ़रत से लड़ने के हथियार

09, Jun 2023 | CJP Team

CJP का हेट हटाओ प्रोग्राम हिंदुस्तान की साझा तहज़ीब को मज़हब के सांचों में बांटने के प्रयासों के ख़िलाफ़ एक ऐसी मुहिम है जो नफ़रत के व्यूह को तोड़ने के लिए हर मुमकिन दिशा में प्रयास कर रहा है. विभिन्नताओं को आधार बनाकर रोपी नफ़रत से लड़ने के लिए ‘फ़ेक न्यूज़’ और ‘हेट स्पीच’ का फ़ाश करने के साथ शांति के लिए कोशिश जारी रखना भी इस मुहिम का ख़ास हिस्सा है.

पुलिस महकमें में शिकायत दर्ज करने और कोर्ट में संबंधित मामलों का संज्ञान लेने के अलावा, ख़ास ट्रेनिंग के ज़रिए जनता में इन मुद्दों पर जागरूकता पैदा करना इस अभियान में शामिल है. इसके तहत धार्मिक, जाति आधारित लैंगिक हिंसा के लड़ने और आदिवासी, LGBTQ  के साथ बाल अधिकारों की पैरवी करने के लिए CJP द्वारा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग में लगभग 200 से अधिक याचिकाएं दायर हो चुकी है

सीजेपी हेट स्पीच के उदाहरणों को खोजने और प्रकाश में लाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि इन विषैले विचारों का प्रचार करने वाले कट्टरपंथियों को बेनकाब किया जा सके और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जा सके। हेट स्पीच के खिलाफ हमारे अभियान के बारे में अधिक जानने के लिए, कृपया सदस्य बनें। हमारी पहल का समर्थन करने के लिए, कृपया अभी दान करें!

शांति का ख़ाका 

शांति के लिए देश के अलगअलग हिस्सों में काम कर रहे समूहों को जोड़ना और प्रोत्साहित करना CJP की हेटहटाओ मुहिम का ख़ास हिस्सा है. इस मुहिम के तहत महाराष्ट्र, पूर्वांचल और वाराणसी में उत्सव, जश्न और कला के ज़रिए एकता के प्रयास क़ाबिले ग़ौर हैं. इसी मिशन के साथ 2022 में CJP महाराष्ट्र केऐप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियनकी 18वीं साझा इफ़्तार की दावत में आयोजक टीम के साथ हमक़दम थी जिसमें दोनों क़ौमों की अवाम ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था. इस शानदार आयोजन में मुंबई के क़रीब 200 ड्राईवर्स ने हिस्सा लिया था. इस दौरान CJP की तरफ़ से जारी एकता के रंगों से सजे स्टीकर्स और पोस्टर्स ख़ूब पसंद किए गए थेफ़िलहाल संविधान में दर्ज समानता के अधिकार पर बल देते हुए CJP की #EverydayHarmony और #एकजूटमहाराष्ट्र  हैशटैग के साथ जनता को एकजुट करने की भी कोशिश जारी है. जिसके तहत मिलजुलकर रहने की तहज़ीब से जुड़ी कहानियों को बढ़ावा दिया जाता है.   

देश में धर्म, जाति, वर्ग के नाम पर फैली असमानता मिटाने के लिए मुहल्ला कमेटीभी CJP की एक महत्वपूर्ण पहल है. इसे सबसे पहले 1992 के मुंबई दंगों के बाद के हालातों से निपटने के लिए 1994 में गठित किया गया था, जिसके तहत मुहल्ले में नाज़ुक मसअलों पर जागरूकता लाने और शांति के प्रसार के लिए संगठित टीम काम करती थी. 2002 में ज्ञानवापी मस्जिद का फ़ैसला आने के बाद माहौल में तारी तनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश में भी इसकी शुरूआत हो चुकी है. मुहल्ला कमेटी सांप्रदायिक मुठभेड़ों को रोकने के लिए ज़रूरी अहिंसक तरीक़ों से जनता को रूबरू कराती हैइन बैठकों में नागरिक समाज के ज़रिए CJP बातचीत को बढ़ावा देकर मुद्दों को टटोलने की कोशिश करती है. इसके तहत आपसी एकता पर बल देने वाले प्रोग्राम्स का भी आयोजन किया जाता है. इन सभाओं में ‘ disinformation & misinformation’ पर आधारित पैम्फ़लेट भी बांटे जाते हैं. कला, लोक कला, इलस्ट्रेशन आदि के ज़रिए इन बैठकों को रचनात्मक तौर पर समृद्ध किया जाता है. CJP अपनी मुहिम में बेहतर कामयाबी के लिए समुदायों से जुड़ने को ख़ास तरजीह देती है इसलिए कोविड महामारी के बाद उत्तर प्रदेश में आंगनवाड़ी वर्कर्स और ग्रामीण औरतों के साथ CJP ने उत्तर प्रदेश में धार्मिक हिंसा और अमन स्थापित करने के प्रयासों पर बैठक की थी

हेटहटाओका मूल ढांचा 

हेट हटाओ का मूल ढांचा महाराष्ट्र में दक्षिणपंथी ताक़तों के फैलाव और असम में धार्मिक हिंसा के प्रयासों के अलावा राष्ट्रीय मुद्दों पर पैनी नज़र रखता है. CJP अपने तक़नीकी टूल नफ़रत के नक़्शाके ज़रिए देश भर में हिंसा की तमाम घटनाओं का ख़ाका रखती है. नफ़रत के नक़्शे में देश भर में हिंसा की अलग अलग घटनाओं को ट्रैक किया जा सकता है. सात चरणों से लैस ये नायाब मैप हिंसा की आगामी घटनाओं से सिर्फ़ आगाह करता है बल्कि इसमें ऐसे हादसों से निपटने और मुक़ाबला करने के उपाय भी मौजूद हैं. तकनीक के इस बेहतर इस्तेमाल के लिए नफ़रत के नक़्शे को ‘NASSCOM’ अवार्ड से नवाज़ा गया हैप्रोपगैंडा ख़बरों के ख़िलाफ़ CJP ने लगातार सक्रियता का परिचय देते हुए नफ़रती बयान उगलने वाले कथित संतों और नेताओं पर शिकायतें दर्ज की है. कई बार CJP ने घटनास्थल पर भड़काऊ बयानबाज़ियों की पूर्व सूचना देकर भी इसे रोकने का प्रयास किया हैनफ़रत फैलानें में संलग्न चेहरों के अलावा CJP ने हिंदुत्व प्रोपगैंडा के मुखिया मंचों जैसे सकल हिंदू समाज, हिंदू जनजागरण धर्म सभा, विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वंयसेवा संघ आदि पर भी ख़ास नज़र रखी है

दिसंबर 2022 से महाराष्ट्र में हेटस्पीच की घटनाओं में गहरा उबाल आया है. टी राजाभारतानंद सरस्वती, कालीचरण, काजल हिंदुस्तानी जैसे चेहरे लागातार हिंदू आबादी को सशक्त बनाने के नाम पर हिंसा के लिए भड़काने पर उतारू हैं. भारतीय अल्पसंख्यक इनके मुख्य निशाने पर रहे हैं. जैसे 9 फरवरी को बारमती में बयान देते हुए कालीचरण ने कहा किकाफ़िरों की पत्नियां चुराई हुई संपत्ति हैं और एक औरत को 50 आदमियों द्वारा बलात्कार कोई बड़ी घटना नहीं है.’ 

राष्ट्रीय स्तर पर भी ये ख़तरा बराबर गहरा है. जैसे कि गुजरात के ऊना में काजल हिंदुस्तानी का ये बयान कीगुजरात पुलिस मुसलमानों से डरती हैघेरे में रखा  जा  सकता हैCJP NCM (National Commission for Minorities), NBDSA (National Broadcasting Digital and Standards Authority), पुलिस और नागरिक समाज के साथ मिलकर काम करती हैCJP नेटाईम्स नॉउ भारतपर 2 जनवरी 2023 कोबाबा की सनातन शपथभड़काऊ पथ पर जमीयत!’ नामक शो में लेखक माजिद हैदरी पर विश्व हिंदू परिषद के प्रतिनिधि महंत राजू दास द्वाराजय श्री रामऔरवंदे मातरमकहने का दबाव बनाने की घटना पर शिकायत दर्ज की हैउत्तर प्रदेश के मदरसों को बदनाम करने के लिए तैयारमदरसा जेहादनामक प्रोग्राम के लिए भी CJP ने टाईम्स नाउ नवभारत पर शिकायतें दर्ज की हैं. इस प्रोग्राम में मदरसों पर आक्रमक भाषा के प्रयोग के ज़रिए विदेशी फंडिंग का बेबुनियाद आरोप मढ़ा गया था. मज़ार जेहाद प्रोपगैंड़ा पर भी CJP ने सुधीर चौधरी के ख़िलाफ़ भी समान रूख़ का परिचय दिया है. चैनल पर गालीगलौज के साथ, औरंगज़ेब और इतिहास को मोहरा बनाकर मुसलमान अल्पसंख्यक आबादी की छवि बिगाड़ने के प्रयासों पर पत्रकार सुरेश चव्हाणके के ख़िलाफ़ CJP ने तर्क का शिकंजा कसा हैइन दिनों हिंदू क़ौम को ताक़तवर बनाने के नाम पर हथियारों से लैस करने की घटनाएं भी पूरे उफ़ान पर हो रही हैं. RSS, VHP और बजरंग दल साथ मिलकर राजस्थान और महाराष्ट्र में भी त्रिशूल बांटकर धर्म रक्षा की शपथ दिला रहे हैं

‘हेट हटाओ’ के प्रयासों के बीच नफ़रत के ख़िलाफ़ CJP ने हिंदू सेना द्वारा 10,000 तलवार  बांटने की घटना पर कड़ा रूख़ अपनाया है. पिछले साल राजधानी दिल्ली के रजौरी गार्डन स्थित विश्वगिरी मंदिर में हिंदूत्ववादी संगठन की ये सभा मज़हब के नाम पर हिंदू आबादी को हथियारों से लैस करने के मक़सद से रखी गई थी. इस घटना को फ़ौरन आड़े हाथों लेते हुए CJP ने NCM में (राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग) शिकायत दर्ज की थी. हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और इसके दिल्ली अध्यक्ष दीपक मलिक की अगुवाई में सभा की शुरूआत तो हनुमान चालीसा की धुन में हुई थी लेकिन आख़िर में महफ़िल नें भगवा रंग अख़्तियार कर लिया था.

हाल ही में एकतरफ़ा नज़रिए से तैयार ख़बरों के ख़िलाफ़ CJP ने  NBDSM के साथ साझेदारी निभाते हुए ‘आज तक’ पर ‘मज़ार जेहाद’ के नाम से प्रसारित एक भड़काऊ शो के ख़िलाफ़ भी शिकायत दर्ज की है. इस शो के दौरान मुख्य एंकर सुधीर चौधरी ने उत्तराखंड़ में नक़ली मज़ार होने के बेबुनियाद दावे के साथ जनता से मज़ारों की शिनाख़्त करने की अपील करते नज़र आ रहे हैं. ऐसी ज़हरीली सभाओं और प्रोग्रॉम्स के ख़िलाफ़ NBDSA और NCM के साथ जारी CJP का संघर्ष कई मायनों में एक बेहतर बदलाव की आहट है.

जबकि सशक्त होने के लिए देश के युवा को बेहतर शिक्षा, रोज़गार और स्वास्थ्य सेवाओं की ज़रूरत है. नफ़रत के इस पूरे व्यूह का मक़सद ही दरअसल जनता को इन बुनियादी और ज़रूरी मुद्दों से भटकाना है जिससे चुनाव के समय बिना किसी बेहतर ढांचे के सिर्फ़ मज़हब के नाम पर वोटों को आसानी से हासिल किया जा सके.   हेट हटाओ संविधान के मूल ढ़ांचे पर मुताबिक़ काम करता है और संविधान में दर्ज आदर्शों के आधार पर एक बेहतर समाज के लक्ष्य को सबसे ऊपर रखता है

हेट बस्टर और हेट वॉच 

CJP का हेटबस्टरऔरहेट वॉचहिस्सा नफ़रत के ख़िलाफ़ सूचना के हथियारों से लैस है. इसके तहत घटनाओं पर नज़र रखना और उचित प्रतिक्रिया देना दो चरण में काम होते हैं

जैसे हाल ही में CAPITAL TV  पर एक प्रोग्राम में रोहिंग्या मुसलमानों के मसअले को प्रदूषित क़िस्म के नज़रिए के साथ तूल दी गई थी. इस समय हेटस्पीच में रत अधिकतर नेतागण साधुसंत भी रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या का एक मनगढंत आंकड़ा पेश कर आम अवाम को यह ग़लत तफ़सील पेश करने की कोशिश में रत रहते हैं कि भारत में  5 करोड़ बांग्लादेशी मुसलमान अवैध रूप से रह रहे हैं  जबकि पूरी दुनिया में रोहिंग्या मुसलमानों की कुल आबादी क़रीब 30 लाख हैइसी तरह कैपिटल टीवी में एक शो के दौरान अश्विनी उपाध्याय ने दावा पेश किया कि हिंदुओं की आबादी भारत के 9 राज्यों और 200 ज़िलों में ख़त्म हो चुकी है. जबकि दैनिक भास्कर के सर्वे के मुताबिक़ भारत के कुल 640 ज़िलों में सिर्फ़ 102 ज़िलों में हिंदू आबादी अल्पसंख्यक है. इस सिलसिले में CJP ने टाईम्स नाउ नवभारत के अलावा सुदर्शन न्यूज़ के एकतरफ़ा शोज़ और बयानों के ख़िलाफ़ भी शिकायत दर्ज की है. इसके तहत सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ चैनल्स तक CJP की नज़र हर धड़े पर है

CJP ने इस ओर भी ध्यान खींचा है कि कैसे दक्षिणपंथी ताक़तें मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार के लिए हिंदू आबादी को उकसाने पर उतारू हैं जिससे कि पहले से कमज़ोर अल्पसंख्यक वर्ग मुख्यधारा से और भी पिछड़ जाएउत्तर प्रदेश में हालिया दौर में ऐसी अनेक घटनाएं सामने आई हैं, जैसे कि मथुरा मेंजय श्री रामके उद्घोष के लिए एक कबाड़ वाले को मजबूर किया जाना या फिर मुस्लिम मेंहदी वालों के बहिष्कार का आह्वान.

CJP ने इन घटनाओं को पूरी बारीकी से परखाजांचा है और इनसे जुड़े मिथ को तोड़कर एक बेहतर समाज गढ़ने में अपनी बूमिका अदा की है

कम्यूनिटी रिसोर्सेज

 कम्यूनिटी रिसोर्सेज़ के हिस्से में नफ़रत के ख़िलाफ़ सूचना जारी करके आम जनता की ट्रेनिंग के लिए कई तरह के प्रोग्रॉम्स किए जाते हैं.  2020 के आंकड़ों के मुताबिक़ भारत में क़रीब 500 मिलियन स्मार्टफ़ोन यूज़र्स हैं जिसमें से लगभग 400 मिलियन व्हाट्सअप पर सक्रिय हैं जो कि फ़ेक न्यूज़ की आईटी सेल के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफ़ॉर्म है. ऐसे में CJP ट्रेनिंग और रिपोर्ट करने के क्रम में ये बताता है कि मैसेज फ़ॉरवर्ड करने में कौन सी सावधानियां बड़ी मुश्किल से बचा सकती हैं. फ़ैक्टचेकर वेबसाइट, ऑनलाइन कंफर्मेशन सहित ऐसे कौन से दूसरे तरीक़े हैं जो आपको ग़लत ख़बरों के प्रसार से रोकते हैंविदित हो कि 28 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में हेट स्पीच को गंभीर अपराध क़रार दिया है और पुलिस को निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों में धर्मजाति देखे बिना फ़ौरन कारवाई की जाएएक संगीत प्रेमी देश में हिंदुत्व पॉप के ज़रिए मुसलमानों को निशाना बनाकर नफ़रत फैलाने की कोशिशों की भी CJP ने भरपूर शिनाख़्त की है. ‘दीवाना भगवा काऔरपड़ेगा डंडा पिछवाड़े पर बंदे मातरम गाओगेजैसे हिंसक हिंदुत्व के नाद के ज़रिए ये ज़हर फैलाने का ये तरीक़ा इनदिनों चर्चा में है

धर्म के अलावा नफ़रत का मक़सद जाति और लिंग के आधार पर भेद करना भी है. बहुत बात इन घटनाओं की शिनाख्त करना ही सबसे ज़रूरी क़दम साबित होता है जैसे कि उत्तर प्रदेश के अमेठी में सेमेंट फ़ैक्ट्री से सामान चुराने के आरोप में 2 दलित नाबालिग़ बच्चों को बिजली के खंभे से बांधकर पीटा जाना या  दलित हिस्ट्री मंथ के दौरान राजस्थान के बारमेड़ में 40 वर्षीय कोजाराम की क्रूर हत्या का मामला

 अन्य संगठनों के साथ 

नफ़रत से लड़ने के लिए CJP नारीवादी आंदोलनों और मज़दूर संगठनों के साथ क़दम से क़दम मिलाकर चल रही है. नेशनल अलायंस ऑफ़ पीपल्स मूवमेंट’, अंधश्रद्धा निर्मूलन समितिश्रमिक जनता संग, संजीवन केन्द्र के साथ CJP महाराष्ट्र में नफ़रत के मुद्दे पर एकजुट है.  इसके तहत 8 मई को इन संगठनों के साथ CJP ने ठाणे के पुलिस कमिशनर श्री जय जीत सिंह के साथ हिंदू जनजागरण धर्म सभा के कार्यक्रम पर तुरंत कारवाई की मांग की थी. इसके अलावा प्रागतिक विचार मंच, BAMSEF,  सावरकर रिक्शा यूनियन, इंसानियन फाउंडेशन और AAP के कार्यकर्ताओं के साथ CJP ने 15 मई को ही जलगांव के एस . पी. को  भी हिंदू जनजागृति मंच की ओर से होने वाले प्रोग्राम पर कारवाई की मांग रखी थी

बहुआयामी नफ़रत के ख़िलाफ़ CJP  ने एक बहुआयामी रास्ते को चुना है. CJP इस बुनियादी ज़रूरत को समझता है कि जहां समाज की हर परत पर नफ़रत और हिंसा के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना ज़रूरी है वहीं यह भी अहम है कि अवाम में आपसी एकता का भाव जगाने की दिशा में लगातार ख़ूबसूरत कोशिशें की जाएं

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