विहिप-बजरंग दल की शौर्य यात्राएं- अनेक राज्यों में नफ़रत और हिंसा का प्रसार देशभर में विहिप-बजरंग दल की शौर्य यात्राओं में नफ़रती बयान से लेकर, पत्थरबाज़ी और हथियार बांटने की अनेक ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें अल्पसंख्यकों पर निशाना साधते हुए क़ानून का उल्लंघन किया गया है.

19, Oct 2023 | CJP Team

4 अक्टूबर को कलकत्ता हाईकोर्ट ने हिंदुत्ववादी संगठनों विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के प्रतिनिधियों द्वारा दायर दलीलों के एवज बंगाल राज्य में शौर्य जागरण यात्रा की अनुमति दे दी है. जस्टिस जय सेनगुप्ता की एकल बेंच ने कहा कि इससे बंगाल की जनता में स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले लोगों के प्रति चेतना का संचार होगा. 

ग़ौरतलब है कि इन हिंदुत्ववादी संगठन के प्रतिनिधियों ने राज्य पुलिस द्वारा उन्हें रैली आयोजित करने की अनुमति से मनाही के बाद एक दूसरी याचिका दायर की थी क्योंकि इसी बीच एक अन्य ऐसी ही याचिका के मामले में दूसरी बेंच ने एक दूसरी शौर्य रैली की इजाज़त दे दी थी. हालांकि याचिकाकर्ताओं ने आश्वासन दिया है कि ये यात्रा शांतिपूर्ण होगी और इसमें किसी तरह के हथियार का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और इसमें लोग केवल शांतिपूर्ण ढंग से पहले से तय रास्ते पर मार्च करेंगे. 

यहां यह भी संज्ञान लेना ज़रूरी है कि राज्य के एडवोकेट जनरल के अनुसार ये रैली नियमों के उल्लंघन के कारण रोक दी गई है. पश्चिम बंगाल में धार्मिक रैलियों की इजाज़त देने के अलावा बेंच ने राज्य प्रशासन को विस्तृत गाइडलाइन्स भी जारी की हैं जिससे कि इलाकों की उचित निगरानी की जा सके और दुर्घटनाओं से सुरक्षित रहना मुमकिन हो. 

हालांकि देश के अन्य हिस्सों में शौर्य यात्राओं का हमारा विश्लेषण एक चिंताजनक तस्वीर पेश करता है. 

शौर्य जागरण यात्राओं में क़ानून के उल्लंघन की घटनाएं-

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सितंबर के बीच देश भर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की अगुवाई में बड़े पैमाने पर जलूस निकाले गए हैं. इन शौर्य जागरण यात्राओं के ज़रिए विहिप देश भर में 5 लाख गांवों के लोगों से अयोध्या में अगले वर्ष जनवरी में होने वाले राम मंदिर के समारोह के मद्देनज़र संपर्क कर रही है.

हिंदी अख़बार प्रभात ख़बर के अनुसार, इन धार्मिक जलूसों के पीछे एक साफ़ एजेंडा है जिसका मक़सद समाज को ईसाईयत और मुसलमानों की जिहादी मानसिकता के विरूद्ध संगठित करना है. 

सोशल मीडिया पर इन प्रोग्राम और जलूस के वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहे हैं. इन वीडियोज़ में अल्पसंख्यक विरोधी नफ़रती बयान और मुसलमान विरोधी नारों को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है.

इनमें अनेक जगहों पर हथियार बांटने और पत्थरबाज़ी की घटनाएं भी सामने आई हैं. इन नफ़रती बयानों में जिस तरह की लक्षित हिंसा और चरम नफ़रत को पेश किया गया है उसका सांप्रदायिक उद्देश्य स्पष्ट है.   

  • स्थान- सीतामऊ, मध्य प्रदेश 

दिनांक- 9 सितंबर, 2023 

इस शौर्य सभा में दक्षिणपंथी नेता ने मुसलमानों पर निशाना साधते हुए सांप्रदायिक बयान दिया. इस भाषण में कहा गया कि –

‘हम बाबरी मस्जिद के विध्वंस की ज़िम्मेदारी ले रहे हैं, हम ये ज़िम्मेदारी खुले आम ले रहे हैं.’

‘मुसलमानों ने हमें ग़ुलाम बनाने की कोशिश की, ईसाईयों ने हमें ग़ुलाम बनाने की कोशिश की, अंग्रेज़ों ने हमें ग़ुलाम बनाने की कोशिश की, हमें ग़ुलाम बनाने का निरंतर क्रम चलता रहा.’ 

  • स्थान – अनूपपुर, मध्य प्रदेश- 13 सितंबर, 2023 

दिनांक- ये वीडियो ‘X’ पर 13 सितंबर, 2023 को प्रसारित किया गया

इस वीडियो में एक शौर्य जागरण यात्रा के दौरान एक दक्षिणपंथी नेता ने भड़काऊ बयान दिया और इतिहास को तोड़- मरोड़ कर पेश करके मुसलमानों पर निशाना साधने की कोशिश की. 

भाषण के अंश-

‘ईसाईयत हो या इस्लाम हो उन्हें लगा कि वो देश पर तलवार के बल पर शासन कर लेंगें. लेकिन तब भी हमारे पूर्वजों ने, साधुओं और वीरांगनाओं ने उनके ख़िलाफ़ युद्ध का मोर्चा संभाला. ये सिर्फ़ भारत में हो सकता है. आज हमारे सामने अनेक तरह की चुनौतियां हैं. हम दिल्ली से ही ‘भारत तेरे टुकड़े होंगें’ जैसे नारे सुनते रहे हैं. वो लोग जो ऐसे नारे दे रहे हैं क्या वो भूल गए कि यहां भारत में एक ऐसा संगठन काम कर रहा है जो पिछले 400 सालों से देश की हिफ़ाज़त कर रहा हैं? क्या उन्हें याद नहीं है कि कैसे 4 घंटो के भीतर हमने वो इमारत ढहा दी थी जिसे वो बाबरी मस्जिद कहते हैं?’       

        ‘ये लोग हिंदुओं से धोखा करते हैं. वो हमें जाति, भाषा, जन्मस्थान के नाम पर बांटते हैं. मैं ऐसे लोगों को चेतावनी देना चाहता हूं. ये लोग नहीं जानते कि भगवान राम कौन हैं? भगवान कृष्ण कौन हैं? भगवान सुदामा कौन हैं या फिर भगवान शंकर कौन हैं? उन्हें रानी दुर्गावती के बारे में नहीं पता जिन्होंने मुग़ल साम्राज्य से लोहा लिया था!’ 

  • स्थान- खांडवा, मध्य प्रदेश

दिनांक- 15 सितंबर,2023 को ये वीडियो  ‘X’ पर प्रसारित हुआ.

इस वीडियो में भी शौर्य जागरण यात्रा के आयोजन में दक्षिणपंथी नेता ने अल्पसंख्यक विरोधी भड़काऊ भाषण दिया है. वक्ता ने अनेक षड्यंत्रों को हवा दी और मुसलमान समुदाय को निशाना बनाया. इस दौरान उन्होंने मुसलमानों को देश के दुश्मन के तौर पर प्रचारित करने का प्रयास भी किया. 

‘अब कृष्णजन्मभूमि और काशी विश्वनाथ पास हैं. आपने सुना होगा कि काशी में हमारा 50% काम पहले ही कोर्ट से माध्यम से हो गया. हम सही थे, इस धरती पर हमारे भगवान कृष्ण का जन्म हुआ है. अब मक्केश्वर महादेव के दर्शन भी भगवान कराएगा.

 ‘अभी हमें 3 हज़ार मंदिरों को वापस लाना है, शौर्य जागरण अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है.’

‘हमें अपने शत्रुओं को आगे नहीं बढ़ने देना है, हम उन्हें तबाह कर देंगे. हम शत्रुओं पर विजय चाहते हैं. हम इंसानियत के इन हत्यारों को आगे बढ़ने या सफल होने नहीं देंगे.’ 

‘खंडवा में ईद से पहले वो अपने मकानों के तीन मंज़िला भवनों में तीनों तल पर गाय रखते थे. क्यों? क्योंकि उन्हें पशुबलि देना सिखाया गया है. वो हमारी उस गाय की बलि देने चाहते हैं जो हमरे 33,000 देवी-देवताओं से संबंधित है.’ 

‘क्या आपको पता है नूह में क्या हुआ था? हमारा धार्मिक वार्षिक जलूस गुज़र रहा था जब उन्होंने अपनी छतों से हमपर पत्थरबाज़ी की. उन्होंने हमारी निहत्थी बहनों का फ़ायदा उठाया. ये कौन सा धर्म है? ये किसने सिखाया है? केंद्र में विपक्ष में कुछ नहीं कहा बल्कि बजरंगी मोनू मनेसर पर इल्ज़ाम डाल दिया लेकिन जान लो, अगर तुम हमपे हज़ारों पत्थर और गोलियां भी फेंकोगे तो भी हम अपने धार्मिक जलूसों को रोकने नहीं वाले हैं.’ 

‘अब तो राम मंदिर दुबई में भी है तो भारत में इसे बनने से कौन रोक सकता है. जैसा कि आप देख सकते हैं ISKCON के ज़रिए ग़ैरहिंदू हिंदू बन रहे हैं और लोग पूरी दुनिया में हरे रामा -हरे कृष्णा का जाप कर रहे हैं. 

  • स्थान– राजनंदगांव, छत्तीसगढ़

दिनांक- 16 सितंबर, 2023 को वीडियो  ‘X’ पर अपलोड किया गया. 

इस वीडियो में शौर्य जागरण रैली की क्लिप हैं. इसमें बजरंग दल के एक वरिष्ठ नेता को लव-जिहाद के नैरेटिव के ज़रिए भय का माहौल क़ायम करने की कोशिश करते हुए सुना जा सकता है. 

ये लोग (मुसलमान) हमारी स्त्रियों को लव-जिहाद में फंसा लेते हैं और फिर उन्हें मार डालते हैं या प्रताड़ित करते हैं. उनका मुख्य मक़सद मुसलमान आबादी को बढ़ाना और हिंदू आबादी को घटाना है जिससे कि वो भारत को एक इस्लामिक देश बना सकें. लेकिन ये लोग भूल जाते हैं कि बजरंग दल ने भारत की रक्षा का संकल्प लिया है, हर प्रकार के इस्लामिक जिहाद को यहां परास्त करके रहेंगें.

जो हमें पढ़ाया गया है लोगों को उस इतिहास के बारे में जागरूक करना बजरंग दल का मुख्य उद्देश्य है. हमें पढ़ाया गया है कि अकबर और बाबर महान थे लेकिन फिर महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी कौन थे?’    

  • स्थान- रायपुर, छत्तीसगढ़

    दिनांक- ये वीडियो 17 सितंबर, 2023 को ये वीडियो ‘X’ पर अपलोड किया गया.     

शौर्य जागरण यात्रा में बजरंग दल के राष्ट्रीय कन्वेनर नीरज चोपड़ा ने भी मुसलमानों और उनकी आस्था के ख़िलाफ़ बेहद भड़काऊ और गुमराह करने वाला भाषण दिया. जारी वीडियो में उनके मुसलमान विरोधी बयान पर एक बड़ी संख्या में जनता को प्रतिक्रिया देते और नारा लगाते देखा जा सकता है. इस भाषण में उन्होंने कहा कि- 

‘वो कहते हैं कि अगर हमने उन्हें 24 घंटे दिए तो वो हिंदुओं को उनकी जगह दिखा देंगे. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि अगर उन्होंने बजरंग दल को केवल 24 मिनट दिए तो हम बता देंगे कि हम कौन हैं और उनकी (मुसलमानों) औकात क्या है.’

‘उनका मुंह काला करने का समय आ गया है. केवल बजरंग दल इन विधर्मियों के मुंह पर ताला लगा सकता है. केवल बजरंग दल के पास इतनी शक्ति है.’ 

‘आज भारत में केवल 2 बड़े मुद्दे हैं. पहला इस्लामिक जिहाद और दूसरा ईसाई धर्म द्वारा परिवर्तन. अगर आप इसपर ध्यान दें तो लव-जिहाद, गौ-हत्या, आतंकवाद, लैंड जिहाद और अवैध मस्जिदों और दरगाहों का निर्माण ये सभी इस्लामिक जिहाद का माध्यम हैं.’ 

‘वो लव-जिहाद कर रहे हैं और अपनी आबादी बढ़ाने के लिए जबरन धर्म परिवर्तन भी कर रहे हैं. वो देश में शरीयत का क़ानून लागू करना चाहते हैं. वो भारत को 2029 तक इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं.’ 

  • स्थान- भोजपुर, मध्यप्रदेश

दिनांक- 19 सितंबर, 2023 को ये वीडियो ‘X’ पर अपलोड किया गया. 

शौर्य जागरण यात्रा में एक हिंदू दक्षिणपंथी नेता को भीड़ को संबोधित करते हुए देखा गया. इस भाषण में वो मुसलमानों और ईसाईयों के ख़िलाफ़ हिंसा की बात करते हुए भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाने का आह्वान कर रहे हैं. 

अगर आप हत्या नहीं करेंगे तो आपकी हत्या की जाएगी. हम महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी के वारिस हैं.’

‘लव-जिहाद के माध्यम से वो हमारी बेटियों और बहनों को बहका रहे हैं. हमें इसे रोकने की ज़रूरत है.’  

  • स्थान– छत्तरपुर, मध्य प्रदेश 

दिनांक- 19 सितंबर, 2023 को एक वीडियो ‘X’  पर अपलोड किया गया.

इस वीडियो में एक भीड़ को बंदूक, बेंत और भगवा झंडों के साथ बजरंग दल द्वारा आयोजित शौर्य जागरण यात्रा में हिस्सा लेते देखा गया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इस वीडियो में भीड़ को जय श्री राम के नारे लगाते हुए साफ़ सुना जा सकता है.  

  •   स्थान- ललितपुर, उत्तर प्रदेश

दिनांक-  ये वीडियो 30 सितंबर, 2023 को ‘X’ पर अपलोड किया गया था. दक्षिणपंथी नेता ने शौर्य जागरण यात्रा के दौरान एक सांप्रदायिक भाषण दिया

विभाजन के बाद उनके लिए पाकिस्तान बना और भारत में रहने वालों (भारतीय मुसलमानों) के लिए उन्होंने गजवा ए हिंद बनाया. हमें एकजूट होने की ज़रूरत है और तब हम अपनी आवाज़ें उठाएंगे और कहेंगे कि – भारत एक हिंदू राष्ट्र है.’’ 

इस दौरान भीड़ को जय श्री राम का नारा लगाते हुए भी सुना जा सकता है.

  • स्थान- सेलांबा, नर्मदा, गुजरात 

दिनांक- ये वीडियो 30 सितंबर, 2023 को ‘X’ पर अपलोड किया गया. 

शौर्य-यात्रा के इस वीडियो में भीड़ को सड़क के बीच में खड़ा देखा जा सकता है. जारी वीडियो में वो भगवा झंडे लहराते हुए मुसलमानों की संपत्ति पर पत्थरबाज़ी कर रहे हैं. पुलिस इस अनियंत्रित व्यवहार पर सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं कर रही है जबकि जिस गीत पर उन्मादी भीड़ नाच रही हैं वो गंभीर रूप से आपत्तिजनक है.  

  •  स्थान- कर्णप्रयाग, चमोली, उत्तराखंड 

दिनांक- ये वीडियो भी 30 सितंबर, 2023 को  ‘X’ पर अपलोड किया गया. 

शौर्य जागरण यात्रा के दौरान अनेक दक्षिणपंथी नेताओं ने लोगों को उकसाने की कोशिश की और अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा उकसाते हुए भीड़ से हथियार उठाने को कहा गया. इस भाषण में कहा गया कि- 

वो जो महिलाओं को बच्चा पैदा करने की मशीन समझते हैं हम उनका आर्थिक बहिष्कार कर देंगे. वो अपने भगवानों के नाम पर दरगाह बना रहे हैं और जबरन धर्म परिवर्तन करा रहे हैं. हमें उनसे आज़ाद होने के लिए हथियार उठाना होगा. अपने धर्म को उनसे बचाने के लिए क़ानून के दायरे के भीतर हमसे जो भी मुमकिन होगा हम करेंगे. 

हमें पुरोला और उत्तरकाशी के नक्शेक़दम पर चलना चाहिए. पूरा उत्तराखंड इस समय इन अवैध प्रवासियों को देवभूमि से हटाने के लिए तैयार है.

जो हमारे देश की रक्षा कर रहे हैं उनकी बहनों, पत्नियों और बेटियों को लव-जिहाद का निशाना बनाया जा रहा है.

ये देश अकबर, बाबर, औरंगज़ेब या औरंगज़ेब के पिता का नहीं है. ये देश छत्रपति शिवाजी, गुरू गोविंद सिंह और महाराण प्रताप का है. 

भारत इन इस्लामपरस्तों से पिछले 1300 सालों से लड़ रहा है और हम इसके लिए तब तक लड़ते रहेंगें जब तक इस्लामिक आतंकवाद भारत से पूरी तरह ख़त्म नहीं हो जाता. हम देवभूमि को दानवभूमि नहीं बनने देंगें. हम इन राक्षसों से अपनी ज़मीन बचा लेंगें.  

  • स्थान- रेनुकोट, उत्तरप्रदेश 

दिनांक- ये वीडियो 3 अक्टूबर, 2023 को जारी किया गया.

शौर्य सभा आयोजन में हिंदू अतिवादी नेता ने भारत के मुसलमान अल्पसंख्यकों पर निशाना साधते हुए नफ़रती बयान दिया और 2002 के गुजरात के मुसलमान विरोधी दंगों को दोहराने की धमकी दी. इस भाषण में कहा गया कि- 

‘लोग कहते हैं कि बजरंग दल ख़राब है. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि हम बुरे केवल इसलिए हैं क्योंकि लोग बुरे हैं. जब लोग बुरे काम करना छोड़ देंगे तो हम उनकी बुराई को सुधारना छोड़ देंगें.’ 

‘अगर ये लोग हमारी बहनों और बेटियों को नुक़सान पहुंचाएंगे, अगर ये हमारी गाय और धर्म को नुक़सान पहुंचाएंगे तो हम उन्हें गुजरात 2002 की तरह उचित जवाब देंगे, जिसके बाद वो हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकेंगे.’ 

ध्रुवीकरण के लिए धरातल बनाने की तैयारी-

यहां यह ध्यान देना ज़रूरी है इस तरह के धार्मिक जलूसों के आयोजन में शामिल हिंदुवादी संगठन हिंदू संस्कृति, परंपरा और मूल्यों की सुरक्षा के नाम पर हिंसक विचारधारा का प्रसार करते रहे हैं. अनेक अवसरों पर विहिप और बजरंग दल सांप्रदायिक हिंसा फैलाने और कथित रक्षा अभियानों में शामिल पाए गए हैं. ऐसे अनेक उदाहरण हैं जब कोई समूह जानबूझकर धार्मिक अल्पसंख्यकों, ख़ास तौर पर मुसलमानों पर हमलों में शामिल रहा है जिससे ग़ैरहिंदुओं के प्रति हिंसा और असहिष्णुता बढ़ी है. इन घटनाओं का ब्यौरा देखते हुए साफ़ कहा जा सकता है कि इसमें शामिल दो मुख्य संगठन बहुसंख्यकवाद, सांप्रदायिकतावाद और ख़तरनाक विचारधारा को तूल दे रहे हैं जिससे धार्मिक अल्पसंख्यकों और ख़ास तौर से मुसलमानों और ईसाईयों पर निशाना साधा जा सके. इसके अलावा विहिप द्वारा हिंदू-राष्ट्रवाद के विचार को लगातार बढ़ावा दिया गया है. 

उक्त घटनाएं न सिर्फ़ इंडियन पीनल कोड और शस्त्र अधिनियम का उल्लंघन हैं बल्कि ये IPC के उस सेक्शन में भी आती हैं जिसमें नफ़रती बयान पर मनाही है. 

इन दिनों हमारे देश में नफ़रत फैलाना एक ख़तरनाक चलन है. ये समझना बेहद ज़रूरी है कि ये संगठन ऐसी सभाओं को योजनबद्ध ढंग से तैयार करते हैं और इसके पीछे उनका स्पष्ट सियासी मंसूबा होता है. इस समय धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के लिए माहौल काफ़ी असुरक्षित है. इन नफ़रती बयानों और उनसे उपजी सांप्रदायिक चिंताओं से बचने के लिए ठोस कार्यवाही बेहद ज़रूरी है जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव की दिशा तय किया जा सके. 

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