अगर NRC में मेरा नाम नहीं आता तो मैं आत्महत्या कर लेता : हसन अली CJP की मदद से फाइनल NRC लिस्ट में जगह बनाने में हुए कामयाब
16, Sep 2019 | CJP Team
मार्च 2019 में असम के हांस छाड़ा गांव में रहने वाले हसन अली ने खुदकुशी की कोशिश की थी. वजह क्या थी? दरअसल, हसन का नाम NRC के फाइनल ड्राफ्ट में नहीं था. हसन अली को उनके दोस्तों को बचा लिया. उन्होंने उस रस्सी को काट दिया, जिससे उन्होंने फंदा लगाने की कोशिश की थी. CJP ने हसन अली की काउंसिलिंग की और फाइनल लिस्ट में नाम शामिल करने की आवेदन प्रक्रिया के दौरान सहायता की. अब हसन अली का नाम लिस्ट में आ गया है.
अली ने एक पेड़ में रस्सी का फंदा लगा कर जान देने की कोशिश की थी. लेकिन दोस्तों ने देख लिया और रस्सी काट दी. इस बीच महज आधे घंटे में CJP के वॉलंटियर्स वहां पहुंच गए. उन्होंने NRC में नाम शामिल कराने की प्रक्रिया में न सिर्फ हसन की मदद की बल्कि उसे इस बात का भरोसा दिया का वह हिम्मत न हारें . CJP के वॉलंटियर्स ने स्थानीय नागरिक सेवा केंद्रों से को-ऑर्डिनेट कर उनके मामले को सुलझाया.
फाइनल NRC लिस्ट आ चुकी है और 19,06,657 लोग इस लिस्ट से बाहर हैं. अब CJP का उद्देश्य यह है कि जो लोग इस लिस्ट से बाहर हैं, उन्हें अपने नागरिकता के दावे फॉरनर्स ट्रिब्यूनल में रखने में मदद की जाए. इसके लिए हमने पैरा लीगल कार्यकर्ताओं के लिए वर्कशॉप की एक पूरी सीरीज चलाई है. हम मल्टीमीडिया ट्रेनिंग मैनुअल भी पब्लिश करने जा रहे हैं, जिसमें हम NRC के कानूनी पहलुओं, सबूतों से जुड़े नियमों और अदालती दृष्टांतों का जिक्र करेंगे, जिससे फॉरनर्स ट्रिब्यूनलों में दाखिल किए जाने वाले दावे कानूनी और तथ्यात्मक तौर पर पूरी तरह मजबूत हों. इससे हमारे पैरालीगल कार्यकर्ताओं, वकीलों और असम में बड़े पैमाने पर समुदायों के भीतर NRC की लंबी प्रताड़ना से भरी प्रक्रिया से जूझने में लोगों को भी मदद मिलेगी. असम के लोगों की मदद की हमारी मुहिम की सहायता के लिए कृपया दान करें.
अगस्त 2019 में जब फाइनल NRC लिस्ट आई उस वक्त CJP वॉलंटियर मोहम्मद फारूक अहमद उनके साथ थे. और उस वक्त हसन अली ने क्या कहा यह गौरतलब है. हसन अली को यह कहना पड़ा-
मामले की संक्षिप्त पृष्ठभूमि
हसन अली ने 2015 में आवेदन किया था लेकिन यह देख कर सदमे में थे उनका नाम लिस्ट में नहीं है. जब उन्होंने NRC अथॉरिटी में शिकायत का पत्र भेजा तो उन्हें जवाब मिला कि आपने कोई आवेदन जमा नहीं किया. लेकिन अली ने तुरंत इसकी रिसिप्ट पेश की. न सिर्फ रिसिप्ट उन्होंने एप्लीकेशन रजिस्ट्रेशन यानी ARN भी पेश कर दी.
उन्होंने नागरिक सेवा केंद्र में शिकायत पत्र भेजा, जहां उन्होंने आवेदन किया था. वहां पता चला कि उनका नाम D वोटर सूची वाले दस्तावेज में गलती से डाल दिया गया है. इसलिए उनके दस्तावेजों को कभी प्रोसेस नहीं किया गया.
NRC अथॉरिटी ने अपनी गलती मानी और गलती ठीक करने का वादा किया. मोरीगांव के डिप्टी कमिशनर ने सर्किल ऑफिसर और CRCR को तुरंत इसे ठीक करने के लिए कहा. लेकिन इस संबंध में जब कुछ नहीं हुआ तो निराश हसन अली ने 8 मार्च को पेड़ से रस्सी का फंदा लगा कर जान देने की कोशिश की. सौभाग्य से उनके दोस्तों ने यह देख लिया और उनकी मदद की. उनके दोस्तों ने पूरी ईमानदारी से उनका साथ निभाया. CJP हसन अली की मदद करके खुद को विनम्र महसूस करता है. हसन अली की खुशी से CJP संतुष्ट महसूस करता है.
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