टी. राजा सिंह के नफ़रती बयानों से राजस्थान में तनाव का माहौल सस्पेंडेड भाजपा विधायक राजा सिंह इन दिनों लगातार नफ़रती बयान दे रहे हैं. लॉ इनफ़ोर्समेंट और सोशल मीडिया उनपर क़ाबू कर पाने में असफल हैं

18, Oct 2023 | CJP Team

तेलंगाना के पूर्व विधायक और सस्पेंडेड भाजपा सदस्य टी. राजा सिंह इन दिनों राजस्थान में नफ़रती बयानों के ज़रिए मुसलमानों पर निशाना साधने के कारण चर्चा में हैं. भाजपा से सस्पेंड होने के बावजूद वो हैदराबाद के गोशामहल सीट से MLA पद पर आसीन हैं. इन दिनों वो महाराष्ट्र, उत्तर-प्रदेश और राजस्थान के दौरे पर हैं और उनके नफ़रती बयानों का सिलसिला पूरे उफान पर है. 

1 अक्टूबर, 2023 को भीलवाड़ा, राजस्थान में सिंह ने एक नफ़रती बयान देते हुए कहा कि-

‘मुल्लों, तुम लोगों को वहम था कि अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनेगा! तुम लोगों को वहम था कि आर्टिकल 370 का कलंक नहीं हटेगा! लेकिन आज क्या ये नहीं हुआ? इनको आज भी वहम है कि भारत कभी हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा, लेकिन इंडिया 2026 में हिंदू राष्ट्र बनेगा! और जब ऐसा होगा तो राजधानी दिल्ली नहीं होगी बल्कि ये मथुरा या अयोध्या होगी!’ जनता ने इस नफ़रती बोल का ज़ोरोशोर से स्वागत किया.

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इसके बाद उन्होंने मुसलमानों के ख़िलाफ़ अनेक अपमानजनक टिप्पणियां कीं और हिंदू समुदाय को सैनिक प्रशिक्षण लेने और हिंसा के लिए उकसाया. उन्होंने कहा कि – ‘अगर वो एक हिंदू लड़की लेते हैं तो हम उनकी 10 लड़कियां लेंगें.’

ठीक एक दिन बाद 2 अक्टूबर, 2023 को महात्मा गांधी के जन्मदिन के दिन भी जयपुर, राजस्थान में बोलते हुए उन्होंने फिर से सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाली टिप्पणियां कीं. पुलिस की मौजूदगी के बावजूद उन्होंने मुसलमान विरोधी टिप्पणियां कीं और मुसलमान औरतों के लिए अपमानजनक बातें कहीं. इस इस रैली को भाजपा से राज्यसभा में MP किरोणी लाल मीना का सहयोग भी हासिल था. ग़ौरतलब है कि राजस्थान में इस वर्ष चुनाव भी होने वाले हैं. 

इस सभा में सिंह को दोनों ओर से पुलिस द्वारा घेरकर ले जाया गया था. उनके पीछे धर्मसभा का बैनर था. उन्होंने कहा कि –

हर हिंदू वीर को सैनिक बनना होगा और अपने आप को मज़बूत करना होगा. किसी को मारने के लिए नहीं, लेकिन अगर कोई आता है तो उसे आपके पास से ज़िंदा वापस नहीं लौटना चाहिए. हम जानते हैं देशद्रेहियों से कैसे निपटना है. कैसे उनके सर को झुकाना है. कभी हैदराबाद आकर देखो. यहां मुस्लिम लीग नामक एक पार्टी है. हाल ही में इस पार्टी ने एक रैली निकाली जिसमें कहा गया कि मंदिर जाने वाले सारे हिंदुओं को फांसी दी जाएगी और बाक़ी को उनकी हरी किताब पढ़नी होनी. उन्होंने दावा किया कि वो भारत को एक इस्लामिक राष्ट्र बनाएंगे. लेकिन वो भारत को ऐसा बनाने वाले कौन होते हैं? हम भारत को एक अखंड हिंदू राष्ट्र बनाएंगें और हमें कोई भी ताक़त रोक नहीं सकती है. 

टी. राजा का नफ़रती नज़रिया ही उनके राजनीतिक करियर की बुनियाद रहा है. उन्होंने लगातार सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दिया है और हैदराबाद से लेकर महाराष्ट्र और राजस्थान तक मुसलमान तबक़े पर निशाना साधा है. हालांकि सिंह क़ानून के शिकंजे से बच नहीं सके. पिछले साल अगस्त 2022 में उन्हें पैग़ंबर मुहम्मद के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए गिरफ़्तार किया गया था. इस घटना के बाद हैदराबाद में बड़े पैमाने  पर विरोध प्रदर्शन भी हुए और भाजपा ने सस्पेंड़ कर दिया. इसके बाद प्रशासन ने उनपर प्रिवेंटीव डिटेंशन एक्ट के तहत की कार्रवाई की और आपराधिक मामलों में शामिल होने के आरोप में उन्हें 76 दिनों के लिए हिरासत में डाल दिया गया. हालांकि बाद में तेलंगाना हाईकोर्ट ने उन्हें कंडीशनल बेल दे दी थी लेकिन कोर्ट ने उन्हें कुछ कड़ी शर्तों के साथ निगरानी में रखा है जिसके अनुसार उन्हें इंटरव्यू देने की मनाही है और ख़ास तौर पर रिहाई के बाद रैली करने या नफ़रती बयान देने की इजाज़त नहीं थी. 

हालांकि इनमें से किसी भी क़ानूनी या सुधारात्मक कार्रवाई ने उनपर लगाम लगाने में कामयाबी हासिल नहीं की है, यही कारण है कि उनके नफ़रती बयानों का दौर पूरी छूट के साथ जारी है. 

शायद उनके साथी राजनीतिज्ञ उनकी इस स्वतंत्रता को बढ़ावा दे रहे हैं ताकि राजस्थान में आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए वो जनता के मतदान व्यवहार को प्रभावित कर सकें.

इससे पहले भी अनेक ऐसी अवसरों पर टी. राजा ने अपने नफ़रती नज़रिए का परिचय दिया है. CJP की रिपोर्ट के मुताबिक़ 2018 में सिंह ने फ़ेसबुक पर अपने फॉलोअर्स से कहा कि वो अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकवादी कश्मीरियों से कुछ न ख़रीदें. CJP ने उस समय भी सीधे इसपर सवाल उठाया था. जुलाई 2019 में इस वीडियो को क़रीब 300,000 लोगों ने देखा था. इसके अलावा अल्पसंख्यक विरोधी हिंसात्मक कंटेंट के ज़रिए समूहों में बैर जगाने के एवज सिंह को FIR का सामना भी करना पड़ा था. आगे इसी साल CJP ने पाया कि उनके पेज को ज़ाहिरी तौर पर हटाए जाने के बावजूद उनका ऑफ़िशियल पेज एक्टिव है. 

 CJP की रिपोर्ट में वॉल स्ट्रीट जर्नल के उस आर्टकल का ज़िक्र भी है जिसमें बताया गया है कि कैसे फेसबुक ने बिज़नेस सुरक्षित रखने के मक़सद से भाजपा नेताओं के नफ़रती बयान से आंख फेर ली है. हालांकि 2021 में फेसबुक ने संज्ञान लिया कि सिंह ने कम्युनिटी गाइडलाइन्स का उल्लंघन किया है जिसके बाद उन्हें इस प्लेटफ़ार्म से हटा दिया गया. हालांकि CJP की रिपोर्ट में आगे ये भी बताया गया है कि उनके फैन पेज जैसे कि टाइगर राजा सिंह फ़ैन क्लब और टी. राजा सिंह समर्थक जलगांव PRK समूह अभी तक सक्रिय है जिसपर हज़ारों फ़ॉलोअर्स है. 

मई, 2023 में  CJP ने सिंह के ख़िलाफ़ राज्य चुनाव आयोग कर्नाटक, में शिकायत दर्ज की और उनके भाषण को कोड ऑफ़ कंडक्ट का उल्लंघन बताया. इस शिकायत में कहा गया कि ये बयान इंडियन पीनल कोड, 1951 और रिप्रेज़ेंटेशन ऑफ़ पीपल एक्ट,1951 के कटघरे में आता है. टी. राजा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में एक भाषण भाजपा कैंडिडेट ईश्वर सिंह ठाकुर के सपोर्ट में भी दिया था. इस भाषण का एक अंश निम्न है- 

अगर कर्नाटक में कांग्रेस सत्ता में आती है तो वो PFI को पूरी स्वायत्ता और आज़ादी देंगे. अगर PFI कर्नाटक में वापस आती है तो हिंदू सुरक्षित नहीं होंगें, कोई सुरक्षित नहीं होगा. अगर कांग्रेस के जीतने के बाद PFI को दोबारा सत्ता मिलती है तो हमारी गौ-माता की खुले आम हत्या की जाएगी, वो लव-जिहाद और लैंड जिहाद करेंगे. इसे समझिए, अगर ये सब होता है तो हिंदुत्व के लिए कौन काम करेगा या कौन ख़ुद को हिंदू कहेगा, उनके लिए एक बड़ा ख़तरा होगा. 

CJP ने इस भाषण पर कड़ी कारवाई की मांग की थी जिसमें विधानसभा चुनावों में भाषण देने पर रोक लगाने की मांग भी शामिल थी लेकिन उनपर कोई कार्रवाई नहीं की गई. 

सबरंग इंडिया के मुताबिक़, सिंह के ख़िलाफ़ क़रीब 100 आपराधिक मामले हैं. केवल इस साल उनपर 7 FIR दर्ज की गई हैं. उन्होंने पूरे साल मुसलमान विरोधी बयान दिए हैं और क़ानूनी हस्तक्षेप के बावजूद ये कोई पहली बार नहीं है जब उनपर इस तरह के संगीन आरोप लगे हैं. 

जनवरी, 2023 में हैदराबाद में मंगलहट पुलिस स्टेशन ने गोशामहल से MLA राजा सिंह के ख़िलाफ़ नोटिस भेजा था. इस नोटिस में अजमेर दरगाह पर 2022 के दौरान दिया भाषण भी शामिल है. इस शिकायत को कंचनबाग़ पुलिस स्टेशन में IPC के सेक्शन 295-के तहत सैय्यद महमूद अली ने दर्ज कराया था. 

इसके अलावा मंगलहट पुलिस स्टेशन ने भी राजा सिंह के ख़िलाफ़ निर्देश जारी किए थे जिससे वो भविष्य में ऐसे अपराध को अंजाम न दे सकें या फिर जारी मामलों में सबूतों के साथ छेड़छाड़, धमकी या व्यक्तिगत तौर पर बलप्रयोग न करें. पुलिस स्टेशन ने उन्हें कोर्ट की अवमानना के लिए शो कॉज़ नोट्स भी भेजा था. 

ग़ौरतलब है कि सिंह आधे साल से लगातार राजस्थान का दौरा कर रहे हैं. इस दौरान उनके साथ MP किरोडी लाल मीना भी देखे गए हैं. मुमकिन है कि इन आयोजनों में उन्हें विशेष रूप से बोलने का निमंत्रण भेजा जाता हो. इससे दक्षिणपंथी नेताओं की मंशा साफ़ ज़ाहिर होती है. ज़हरीले बयानों के ज़रिए चुनावी समीकरण को प्रभावित करना और जनता के मत का ध्रुवीकरण करना ही इसका मुख्य मक़सद है. नफ़रती बयान संगठित हिंसा के ज़रिए सत्ता हासिल करने की योजना का हिस्सा भर हैं. 

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