07-Nov-2025 साइबर क्राइम और डिजिटल न्याय का संकट: भारत के ऑनलाइन उत्पीड़न के छिपे पीड़ित जैसे-जैसे भारत की ऑनलाइन दुनिया का विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे अपराध और जवाबदेही के बीच का अंतर भी बढ़ रहा है। एनसीआरबी के आंकड़े संख्याएं तो दर्ज करते हैं, लेकिन उनकी बढ़ती वृद्धि के पीछे के कारणों को नहीं।
06-Nov-2025 आंकड़ों की खामोशी: असहमति पर एनसीआरबी के आंकड़े क्या नहीं बताते जब कम अपराध दर्ज होते हैं, तो यह जरूरी नहीं कि सचमुच सब शांतिपूर्ण हो, बल्कि यह ऐसे तंत्र की सफलता का संकेत हो सकता है जो चुपचाप और बिना सबूत छोड़े असहमति को दबा देता है।
05-Nov-2025 “तौबा तौबा” से लेकर “घुसपैठिया को निकालो” तक: बिहार चुनावी माहौल में अलगाव की भाषा” CJP की शिकायतें दर्शाती हैं कि कैसे बीजेपी नेताओं के भाषणों ने चुनावी चर्चा को केवल सरकार चलाने के मुद्दे से बहिष्कार और अलगाव के मुद्दे तक बदल दिया और नागरिकता को ही चुनावी सवाल बना दिया।
05-Nov-2025 Cybercrime and the Crisis of Digital Justice: India’s invisible victims online As India’s online world expands, so does the gap between crime and accountability, NCRB data records numbers, but not the reasons behind their soaring increase
04-Nov-2025 कैद में असमानता: जेलों के भीतर जाति, वर्ग और धर्म का चेहरा एनसीआरबी की “प्रिजन स्टैटिस्टिक्स इंडिया 2023” रिपोर्ट प्रकाशित हुए दो साल बीत चुके हैं, फिर भी उसके आंकड़े इतिहास से ज्यादा भविष्यवाणी जैसे लगते हैं।
03-Nov-2025 Silence in the Statistics: What NCRB data doesn’t say about dissent When fewer crimes are recorded, it may signal not peace, but the success of a system designed to silence without a trace
03-Nov-2025 From ‘Tauba Tauba’ to ‘Expel the Ghuspaithiya’: The language of exclusion in Bihar’s election season CJP’s complaints show how BJP leaders’ speeches turned election talk from governance to exclusion—making citizenship a campaign issue
03-Nov-2025 Hate Speech Surges In Bihar Polls: The Return Of Communal And Caste Divides In Campaign Rhetoric outlookindia.com
31-Oct-2025 कैसे वन (संरक्षण) अधिनियम, 2023 में किए गए संशोधन, वन अधिकार अधिनियम, 2006 द्वारा आदिवासियों को दिए गए भूमि संरक्षण को कमजोर करने की कोशिश करते हैं: सुप्रीम कोर्ट संसद द्वारा पारित वन (संरक्षण) अधिनियम, 2023 में किए गए व्यापक संशोधनों की सुप्रीम कोर्ट द्वारा समीक्षा के साथ ही, आदिवासी और वन-निवासी समुदायों के अधिकारों पर पुनः एक गंभीर संकट मंडरा रहा है।
31-Oct-2025 Freedom Deferred: Caste, class and faith in India’s prisons Two years after NCRB’s Prison Statistics India 2023 report was published, the numbers still read less like history and more like prophecy
31-Oct-2025 हाशिए’ से परे: एनसीआरबी 2023 के अपराध आंकड़ों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा की अनदेखी वास्तविकता आंकड़े व्यवस्था का वर्णन करते हैं। लेकिन लैंगिक हिंसा स्प्रेडशीट के सेल से बाहर घटती है। यह लेख उन आंकड़ों को फिर से जीती-जागती हकीकत से जोड़ने की कोशिश करता है।
30-Oct-2025 श्रम शक्ति नीति 2025 पर सीजेपी की आपत्तियां: श्रम मंत्रालय को भेजीं विस्तृत टिप्पणियां और सुझाव श्रम शक्ति नीति 2025 के मसौदे पर श्रम मंत्रालय द्वारा मांगे गए सुझावों का विस्तृत समीक्षा के साथ जवाब दिया गया
29-Oct-2025 निष्पक्ष आंकड़ों का भ्रम: एनसीआरबी के आंकड़ों से साम्प्रदायिक हिंसा का गायब हो जाना जब “दंगे” के नाम पर लक्षित हिंसा छिपा दी जाती है, एनसीआरबी 2023 की रिपोर्ट में भारत की यह खामोश तबाही दिखती है।
29-Oct-2025 When ‘Marginal’ Means Massive: The invisible weight of gendered violence in NCRB crime statistics 2023 Statistics describe order; gendered violence exists outside the neat cells of spreadsheets. This article reconnects data with lived reality
29-Oct-2025 खाने-पीने के अधिकार पर सवाल: नॉन-वेज बिक्री पर रोक यह दर्शाती है कि कैसे बहुसंख्यक आस्था के प्रभाव में लिए गए फैसले संविधान की भावना के विपरीत जा सकते हैं त्योहारों के दौरान मांसाहारी दुकानों को बंद करने के लिए स्वघोषित निगरानीकर्ताओं द्वारा अधिकारियों पर दबाव डालने के बीच सिटिजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस (CJP) ने सवाल उठाया है कि ऐसे बहुसंख्यक दबाव क्या संविधान और कानून की भावना को कमजोर नहीं कर रहे?