तीस्ता सीतलवाड़, हिमांशु कुमार, रूपेश कुमार, अविनाश दास आदि के दमन के खिलाफ BHU के बाहर प्रदर्शन Samta Marg

23, Jul 2022

20 जुलाई। मानवाधिकार रक्षक तीस्ता सेतलवाड़ की गिरफ्तारी के बाद फेक्ट चेकर वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी की गई जिसकी देशव्यापी आलोचना की जा रही है। अब एक और स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार को गिरफ्तार किया गया है। वहीं दूसरी तरफ एक अन्य सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। फिल्म डायरेक्टर अविनाश दास को भी एक फोटो शेयर करने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया है। इन सभी गिरफ्तारियों के खिलाफ मंगलवार को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के गेट पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया।

इस विरोध प्रदर्शन में मौजूद समाजवादी जनपरिषद के अफलातून ने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार आदिवासियों पर जुल्म ढहा रही है और दूसरी तरफ आदिवासियों को लुभाने के लिए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए खड़ा कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड की राज्यपाल रहते हुए कभी भी आदिवासियों पर होने वाले अत्याचार को लेकर मुंह नहीं खोला।

अफलातून ने इससे भी आगे जाकर कहा कि झारखंड के ही एक्टिविस्ट फादर स्टेन स्वामी की भी हत्या कर दी गई। क्रूरता की हद यह है कि उन्हें महीनों तक पानी पीने वाला स्ट्रॉ तक नहीं दिया गया।

यहां उपस्थित रजनीश भारती ने पुलिसिया दमन को लेकर कहा कि जब भी आप सरकार की नीतियों का विरोध करेंगे तब सरकार पुलिस को आगे कर देती है। एक तरफ हम मेहनतकश लोग हैं, दूसरी तरफ पुलिस जो स्वयं मजदूर-किसान परिवार से आते हैं, दोनों को आपस में लड़ाकर सरकार और कॉरपोरेट जनता को लूटते रहते हैं।

भगतसिंह छात्र मोर्चा से मानव उमेश ने आमिर अज़ीज की कविता ‘सब याद रखा जाएगा’ के माध्यम से अपनी बातचीत में कहा कि आज जो भी सरकार के खिलाफ बोल रहा है उसे दबाया जा रहा है, चाहे तीस्ता सेतलवाड़ हों, हिमांशु कुमार हों, फादर स्टेन स्वामी हों या राजनैतिक बंदी हों। हम जब भी प्रोटेस्ट करते हैं तो भारी संख्या में पुलिस हमें रोकने में जुट जाती है। आखिर हमारे बोलने से, हमारे लिखने से या हमारे पढ़ने से इन्हें क्या दिक्कत है?

उन्होंने आगे कहा- साफ समझ आता है कि यह शोषक वर्ग चाहता है कि वे जुल्म तो करते रहें लेकिन उनके खिलाफ कोई बोलने वाला न हो। इन गिरफ्तारियों के माध्यम से सरकार हर बोलने वाले को डराना चाहती है लेकिन हम इनसे डरने वाले नहीं हैं।

(सबरंग इंडिया से साभार)

The original piece may be read here

 

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