21-Nov-2025 मान्यता से अधिकार तक: सुप्रीम कोर्ट के जेन कौशिक फैसले ने भारत के कार्यस्थलों में ट्रांसजेंडर समानता का विस्तार किया SC के ऐतिहासिक फैसले में ट्रांसजेंडर के रोजगार के अधिकारों की पुष्टि की गई है, मुआवजे का आदेश दिया गया है और सभी संस्थानों में एक मॉडल समान अवसर नीति को अनिवार्य बनाया गया है।
20-Nov-2025 योजनाबद्ध हताशा: भारत के आत्महत्या आँकड़े सिस्टम की अनदेखी को कैसे सामने लाते हैं हाशिये पर जिंदगी: भारत के आत्महत्या के आंकड़ों को सिर्फ संख्याओं से परे पढ़ना
19-Nov-2025 वन कानूनों का हथियारकरण: लखीमपुर खीरी में थारू आदिवासियों का व्यवस्थित अपराधीकरण वन कानूनों का हथियारीकरण: लखीमपुर खीरी में थारू आदिवासियों का व्यवस्थित अपराधीकरणथारू समुदाय के खिलाफ 4,000 से अधिक वन अपराध के मामले, जिनमें अंधे, विकलांग और बुजुर्ग शामिल हैं, यह दर्शाते हैं कि नौकरशाही हिंसा और औपनिवेशिक वन नीतियां किस तरह भारत के मूल निवासियों को बेदखल कर रही हैं।
17-Nov-2025 Weaponising Forest Laws: The systemic criminalisation of Tharu tribals in Lakhimpur Kheri Over 4,000 forest crime cases against the Tharu community, including the blind, disabled, and elderly, reveal how bureaucratic violence and colonial forest policies continue to dispossess India’s indigenous people
14-Nov-2025 Despair by Design: What India’s suicide numbers reveal about systemic neglect Lives in the Margins: Reading India’s suicide data beyond the numbers
07-Nov-2025 साइबर क्राइम और डिजिटल न्याय का संकट: भारत के ऑनलाइन उत्पीड़न के छिपे पीड़ित जैसे-जैसे भारत की ऑनलाइन दुनिया का विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे अपराध और जवाबदेही के बीच का अंतर भी बढ़ रहा है। एनसीआरबी के आंकड़े संख्याएं तो दर्ज करते हैं, लेकिन उनकी बढ़ती वृद्धि के पीछे के कारणों को नहीं।
06-Nov-2025 आंकड़ों की खामोशी: असहमति पर एनसीआरबी के आंकड़े क्या नहीं बताते जब कम अपराध दर्ज होते हैं, तो यह जरूरी नहीं कि सचमुच सब शांतिपूर्ण हो, बल्कि यह ऐसे तंत्र की सफलता का संकेत हो सकता है जो चुपचाप और बिना सबूत छोड़े असहमति को दबा देता है।
05-Nov-2025 Cybercrime and the Crisis of Digital Justice: India’s invisible victims online As India’s online world expands, so does the gap between crime and accountability, NCRB data records numbers, but not the reasons behind their soaring increase
04-Nov-2025 कैद में असमानता: जेलों के भीतर जाति, वर्ग और धर्म का चेहरा एनसीआरबी की “प्रिजन स्टैटिस्टिक्स इंडिया 2023” रिपोर्ट प्रकाशित हुए दो साल बीत चुके हैं, फिर भी उसके आंकड़े इतिहास से ज्यादा भविष्यवाणी जैसे लगते हैं।
03-Nov-2025 Silence in the Statistics: What NCRB data doesn’t say about dissent When fewer crimes are recorded, it may signal not peace, but the success of a system designed to silence without a trace
31-Oct-2025 Freedom Deferred: Caste, class and faith in India’s prisons Two years after NCRB’s Prison Statistics India 2023 report was published, the numbers still read less like history and more like prophecy
31-Oct-2025 हाशिए’ से परे: एनसीआरबी 2023 के अपराध आंकड़ों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा की अनदेखी वास्तविकता आंकड़े व्यवस्था का वर्णन करते हैं। लेकिन लैंगिक हिंसा स्प्रेडशीट के सेल से बाहर घटती है। यह लेख उन आंकड़ों को फिर से जीती-जागती हकीकत से जोड़ने की कोशिश करता है।
29-Oct-2025 निष्पक्ष आंकड़ों का भ्रम: एनसीआरबी के आंकड़ों से साम्प्रदायिक हिंसा का गायब हो जाना जब “दंगे” के नाम पर लक्षित हिंसा छिपा दी जाती है, एनसीआरबी 2023 की रिपोर्ट में भारत की यह खामोश तबाही दिखती है।
29-Oct-2025 When ‘Marginal’ Means Massive: The invisible weight of gendered violence in NCRB crime statistics 2023 Statistics describe order; gendered violence exists outside the neat cells of spreadsheets. This article reconnects data with lived reality
29-Oct-2025 खाने-पीने के अधिकार पर सवाल: नॉन-वेज बिक्री पर रोक यह दर्शाती है कि कैसे बहुसंख्यक आस्था के प्रभाव में लिए गए फैसले संविधान की भावना के विपरीत जा सकते हैं त्योहारों के दौरान मांसाहारी दुकानों को बंद करने के लिए स्वघोषित निगरानीकर्ताओं द्वारा अधिकारियों पर दबाव डालने के बीच सिटिजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस (CJP) ने सवाल उठाया है कि ऐसे बहुसंख्यक दबाव क्या संविधान और कानून की भावना को कमजोर नहीं कर रहे?
27-Oct-2025 The Myth of Neutral Data: The Disappearance of Communal Violence in NCRB Data When “rioting” hides targeted violence — India’s quiet apocalypse in NCRB 2023