बीमार व्यक्ति के नाम “संदिग्ध विदेशी” का नोटिस! FT ने परिवार पर डाला दबाब फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल (FT) की तरफ़ से एक बीमार व्यक्ति को ‘संदिग्ध विदेशी’ (suspected foreigner) का नोटिस जारी किया गया था. परिवार द्वारा कोर्ट में पेश न होने से इस मामले में क़ानूनी दांवपेंच पैदा हो गए.

05, Aug 2023 | CJP Team

तेज़ बारिश और बाढ़ के कारण धुबरी ज़िले के अनेक गांवों में हालात ख़राब हैं लेकिन इसके बावजूद CJP ने नागरिकता संकट से प्रभावित परिवार की मदद की. दरअसल, पुलिस ने धुबरी ज़िले के अगोमनी पुलिस स्टेशन के उत्तर मोरागोदाधर गांव में एक बीमार व्यक्ति के नाम नोटिस जारी किया था जो कि FT की सुनवाई में पेश होने में असमर्थ था. ऐसे में CJP ने उनकी मुश्किल का संज्ञान लिया और परिवार की क़ानूनी मदद की.

CJP द्वारा मामले की बागडोर संभालने के पहले परिवार ने इस नोटिस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी, इसलिए मामले की गंभीरता को समझते हुए CJP ने इस परिवार की काउंसलिंग की और पूरे केस में साथ देने का दिलासा दिया. ख़राब मौसम की मार के बावजूद CJP की असम टीम ने निजी तौर पर संपर्क कर उन्हें सहारा दिया. इससे पहले भी टीम ने फ़ोन के ज़रिए उन्हें पुलिस स्टेशन में पेशी के लिए ज़रूरी काग़ज़ात ठीक करने में मदद की थी. CJP टीम ने परिवार द्वारा मुलाक़ात के आग्रह पर पूरी संवेदनशीलता से कारवाई की है. CJP की असम टीम के DVM (District Voluntary Motivator) ने परिवार को मनोवैज्ञानिक संबल देते हुए नागरिकता संकट की पेचीदगियों से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि कैसे FT के नोटिस की अवहेलना से बीमार व्यक्ति सहित उनकी भी दिक़्क़तें बढ़ सकती हैं. 

हफ्ते दर हफ्ते, हर एक दिन, हमारी संस्था सिटिज़न्स फॉर पीस एण्ड जस्टिस (CJP) की असम टीम जिसमें सामुदायिक वॉलेन्टियर, जिला स्तर के वॉलेन्टियर संगठनकर्ता एवं वकील शामिल हैं, राज्य में नागरिकता से उपजे मानवीय संकट से त्रस्त सैंकड़ों व्यक्तियों व परिवारों को कानूनी सलाह, काउंसिलिंग एवं मुकदमे लड़ने को वकील मुहैया करा रही है। हमारे जमीनी स्तर पर किए काम ने यह सुनिश्चित किया है कि 12,00,000 लोगों ने NRC (2017-2019) की सूची में शामिल होने के लिए फॉर्म भरे व पिछले एक साल में ही हमने 52 लोगों को असम के कुख्यात बंदी शिविरों से छुड़वाया है। हमारी साहसी टीम हर महीने 72-96 परिवारों को कानूनी सलाह की मदद पहुंचा रही है। हमारी जिला स्तर की लीगल टीम महीने दर महीने 25 विदेशी ट्राइब्यूनल मुकदमों पर काम कर रही है। जमीन से जुटाए गए ये आँकड़े ही CJP को गुवाहाटी हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट जैसी संवैधानिक अदालतों में इन लोगों की ओर से हस्तक्षेप करने में सहायता करते हैं। यह कार्य हमारे उद्देश्य में विश्वास रखने वाले आप जैसे नागरिकों की सहायता से ही संभव है। हमारा नारा है- सबके लिए बराबर अधिकार। #HelpCJPHelpAssam. हमें अपना सहियोग दें।

नागरिकता संकट के अलावा ये गांव नदी के कटाव से भी गंभीर तौर पर प्रभावित है. प्राकृतिक आपदा ने भारी क्षति पहुंचाकर ग्रामीणों की मुशकिलें बढ़ाई हैं. क़ुदरत के क़हर के साथ नागरिकता संकट की अनिश्चितता का सामना करना उनके लिए किसी बड़ी आफ़त से कम नहीं है. इसके बावजूद CJP की तरफ़ से हबीबुल बेपारी की मौजूदगी ने ग्रामीणों को उम्मीद दी है. 

नागरिकता संकट से जूझते ये लोग ज़्यादातर हाशिए पर रहने वाले समाज से हैं ऐसे में नागरिकता साबित कर पाना उनके लिए और भी बड़ी चुनौती बन जाता है. CJP ने बहुआयामी उपायों के माध्यम से इस चुनौती का सामना किया है. यही वजह है कि CJP का प्रयास सिर्फ़ भारतीय नागरिकता साबित करने में मदद तक सीमित नहीं हैं बल्कि एक क़दम आगे बढ़कर जीवन के संघर्षों में भी सहयोग की पेशकश भी शामिल है.

CJP की कोशिश है कि गांव, ज़िले और फ़ॉरेनर्स ट्रिब्यूनल से लेकर संवैधानिक न्यायलयों तक नागरिकता संकट से उपजे हर तरह के अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई जाए. 

Image Courtesy: Representational

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