मुंबई के आरे जंगल को मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए काटा जा रहा है। सरकार ने तमाम नियम कानूनों को दरकिनार करते हुए हाल ही में पेड़ों की कटाई रात में करा दी थी। इस मामले को लेकर आरे में रहने वाले लोग ही नहीं बल्कि मुंबईकर भी विरोध कर रहे हैं। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार तीस्ता सीतलवाड ने आरे कॉलोनी में रहने वाले एक्टिविस्ट प्रकाश बोइर से बात की। इस दौरान प्रकाश ने बताया कि सरकार कहती है कि मुंबई में आदिवासी नहीं हैं लेकिन आरे सहित कई जगह आदिवासी रहते हैं और अपनी विरासत को संभाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासियों को ऐहसान के तौर पर पानी उपलब्ध कराया जाता है औऱ कई इलाकों में बिजली नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी जी स्वच्छ भारत की बात करते हैं लेकिन वहां कई इलाकों में एक भी शौचालय नहीं है।
Related:
Aarey: Mumbai’s struggle to save its lungs
Inside Aarey: Where the Adivasis are fighting another battle
How Adivasis in Aarey are at risk of losing their land and livelihood
Meet this Lover of the Aarey Forest, Prakash Bhoir
In Pictures: A Walk Through Aarey
The Mystery of the Aarey Fire and the Need for a Citizens’ Inquiry