जब फज़र अली को अचानक पता चला कि उसे विदेश घोषित कर दिया गया है तो वह हताश होकर ब्रह्मपुत्र में कूद पड़ा. आत्महत्या के प्रयास से किसी तरह बच तो गया, मगर जेल से नहीं! फज़र अली दो साल से गोआलपाड़ा डिटेंशन कैम्प में क़ैद था.
जिसे CJP की मदद से रिहाई मिली, वह अपने घर में अपनी पत्नी के साथ है, और पहली बार अपने बेटे जहांगीर से मिल रहा है, क्योंकि जब फज़र अली क़ैद हुआ तब उसकी पत्नी गर्भवती थी.
असम में फज़र अली की तरह अनगिनत लोग हैं जिन तक CJP की टीम पहुंचना चाहती है, यह तभी मुमकिन हो सकता है जब आप हमारा साथ दें.
दिल खोल कर डोनेट करें.
Related:
800 kms, 5 districts: CJP goes the extra mile to locate detention camp inmate’s family
Empowering Assam: CJP goes above and beyond the call of duty
CJP’s work still going strong in Assam
CJP comes to the aid of man who survived suicide but spent two years in detention camp