पूरे देश में एनआरसी लागू करने जैसे तुगलकी काम के लिए अनुमानित 54000 करोड़ का बजेट भी कम पड़ सकता है। असम के गरीबों पर एनआरसी प्रक्रिया से हुए भयानक नतीजों को देखने के बावजूद, क्या हम इसे देशभर में दोहराने की गलती कर सकते हैं?
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