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असम में FT ने 63959 लोगों की गैरमौजूदगी में उन्हें विदेशी घोषित किया

Gauhati HC order on Siblings and family members of Declared Foreigners

लोकसभा के समक्ष एक चौंका देने वाला खुलासे में गृह मंत्रालय ने यह स्वीकार किया है कि FT की सुनवाई में शामिल हुए बिना ही लगभग साठ हजार से अधिक लोगों को विदेशी घोषित किया गया है।

गृह मंत्रालय ने काँग्रेस नेता शशि थरूर के छह सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही। गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री किशन रेड्डी द्वारा प्रतिक्रिया दाखिल की गई। अपने जवाब में गृह मंत्रालय ने यह माना कि, “वर्ष 1985 से 28 फरवरी, 2019 तक असम में FT द्वारा पूर्व-पक्षीय कार्यवाही के माध्यम से 63959 लोगों को विदेशी घोषित किया गया है।”

NRC ड्राफ्ट में 40 लाख लोगों को शामिल नहीं किया गया था, जिनमें से अधिकतर लोग सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों से हैं। गुजरात में कानूनी सहायता प्रदान करने के अपने पुराने अनुभवों से प्रेरित होकर CJP ने अब NRC प्रभावित लोगों की मदद के लिए कदम उठाया है। CJP परिणाम उन्मुख वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की टीम के साथ यह सुनिश्चित करेगी कि बुरी तरह प्रभावित जिलों में से 18 जिलों के प्रभावित लोगों को अपना दावा दाखिल करते समय उचित अवसर प्राप्त हो सके। CJP के इस प्रयास में आपके योगदान से कानूनी टीम की लागत, यात्रा,प्रलेखीकरण और तकनीकी खर्चों का भुकतान किया जाएगा। कृप्या प्रभावित लोगों  की मदद के लिए यहाँ योगदान करें।

गृह मंत्रालय के अनुसार, असम में वर्तमान में छह डिटेंशन कैंप हैं। जहां 25 जून, 2019 तक कुल 1133 लोगों को रखा गया था। जिनमें से लगभग 769 लोगों को एक वर्ष से अधिक और 335 लोगों को तीन वर्षों से अधिक समय तक रखा गया था। साथ ही, गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बंदियों को मुफ्त कानूनी सहायता भी प्रदान की जा रही थी। गृह मंत्रालय द्वारा दिया गया जवाब यहाँ पढ़ा जा सकता है.

अब, यह भी उल्लेखनीय है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेशानुसार, एक डिटेंशन कैंप में तीन साल की अवधि पूरी करने वाले लोग कुछ शर्तों के आधार पर रिहा किया जा सकता है। इसलिए, अब यह देखा जाना चाहिए कि क्या गृह मंत्रालय आदेशानुसार कार्य करते हुए 300 लोगों को रिहा करेगा?

 

अनुवाद सौजन्य – साक्षी मिश्रा

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