‘नफ़रत के ख़िलाफ़ हम सभी की आवाज़’ मुम्बई में आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल होकर नजीब की अम्मी ने अपनी आपबीती दुनिया को बताई. नजीब, जेएनयू में, एमएससी बायोटेक्नॉलॉजी में प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहा था, वो 15 अक्टूबर 2016 से लापता है. फ़ातिमा ने अपना दर्द तो दूसरों के साथ बांटा ही, उन्होंने नई पीढ़ी के युवाओं और उनके अभिभावकों को ये सन्देश भी दिया कि हर मज़लूम वर्ग के लोग, चाहे वो किसी भी धर्म को मानते हों, वो अपने बच्चों को ख़ूब पढ़ाएं, उन्हें काबिल बनाएं ताकि वे डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, जज, विधायक और प्रधानमन्त्री बनें और देश को आगे बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि ये सरकार मजलूमों को डरा कर ख़ामोश कराना चाहती है. वो जानती है कि हम पढ़ लिख गए तो सवाल पूछेंगे. इसलिए ऐसी घटनाओं से वो हमें डराकर शिक्षा से दूर करना चाहती है, लेकिन हमें बिल्कुल नहीं डरना है और देश के हर बड़े विश्वविद्यालय में दाख़िला लेना है. उन्होंने कहा कि इस सरकार का कार्यकाल इतिहास में काले पन्नों के तौर पर दर्ज होगा.