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जुनैद की अम्मी ने कहा, चुप बैठे लोगों पर भी विपत्ति आ सकती है इसलिए आवाज़ उठाना ज़रूरी है

16 वर्षीय जुनैद खान, जून महीने में हरियाणा से दिल्ली, ईद की खरीददारी करने आया था, वापस लौटते वक्त ट्रेन में सीट को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद भीड़ द्वारा पीट-पीट कर  उसकी ह्त्या कर दी गई और फरीदाबाद के असोटी स्टेशन के पास उसे ट्रेन से बाहर फ़ेंक दिया गया था. 12 जनवरी 2019 की शाम मुम्बई के सीएसटी इलाके में ‘नफ़रत के ख़िलाफ़ हम सभी की आवाज़’ इस नाम से आयोजित कार्यक्रम में जुनैद की अम्मी सायरा भी शामिल हुईं. उन्होंने कहा कि ट्रेन में मौजूद लोगों में से कोई भी जुनैद को बचाने के लिए आगे नहीं आया. यही हमारी कमजोरी और हत्यारों का संबल है. उन्होंने कहा कि अगर हम दूसरों की मदद के लिए आवाज़ उठाने लग जाएं तो जुनैद जैसे दुसरे लोगों की जान हम ज़रूर बचा पाएंगे.