शिवम् के दादाजी की फूल और सब्जियों के खेती थी। सारा उत्पाद अयोध्या में ही बिक जाता और परिवार कुशल-मंगल रहता था। परन्तु बाबरी विवाद छिड़ने के बाद, उनके खेत की ज़मीन सरकार ने अधिग्रहित कर ली और शिवम् के अनुसार उन्हें कोई मुआवज़ा नहीं दिया गया। आज यह नवयुवक चाय बेच कर अपने परिवार का पेट पालता है। सुनिये अयोध्या के चाय वाले की कहानी, उसी की ज़ुबानी।