पिछले हफ़्तों में भारत ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और नई दिल्ली सहित अनेक राज्यों में नफ़रती घटनाओं का सामना किया है.
मुसलमानों की इबादतगाहों को तोड़ने से लेकर मुसलमान और ईसाई लोगों के ख़िलाफ़ लक्षित नफ़रती बयान देने तक देश में नफ़रती हिंसा की अनेक घटनाए हुई हैं.
सीजेपी हेट स्पीच के उदाहरणों को खोजने और प्रकाश में लाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि इन विषैले विचारों का प्रचार करने वाले कट्टरपंथियों को बेनकाब किया जा सके और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जा सके। हेट स्पीच के खिलाफ हमारे अभियान के बारे में अधिक जानने के लिए, कृपया सदस्य बनें। हमारी पहल का समर्थन करने के लिए, कृपया अभी दान करें!
उत्तराखंड
उत्तराखंड के अमित ग्राम, ऋषिकेश में देवभूमि रक्षा अभियान के सदस्यों का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वो हथौड़े से मज़ार को तोड़ते हुए देखे जा सकते हैं. वह इसके साथ जय श्री राम का नारा भी लगा रहे हैं. इन वीडियोज़ में दक्षिणपंथी धड़े के लोग मज़ार के परिसर में क़ब्रों को तोड़ रहे हैं. इसी तरह एक क्लिप में ध्वस्त धार्मिक स्थलों में एक बुल्डोज़र को भी अवशेष साफ़ करते देखा जा सकता है. JCB मशीन से मज़ार के अवशेष साफ़ करने के दृश्य के बीच एक व्यक्ति दावा करता है कि- ‘हमने मृत इंसान को क़्रब से बाहर फेंक दिया है…इस मज़ार में दफ़न सारे लोगों को खोदकर बाहर फेंक दिया जाएगा.’ इंडिया कॉम के मुताबिक़ दक्षिणपंथी हिंदुत्व संगठनों का देवभूमि रक्षा अभियान राज्य के अनेक हिस्सों में सक्रिय है, जिसके तहत अनेक मज़ारों को तोड़ा जा रहा है.
देवभूमि रक्षा अभियान के अध्यक्ष स्वामी दर्शन भारती ने कथित तौर पर ये दावा किया कि उन्होंने इस कार्रवाई के लिए मज़ार की ज़मीन के मालिकों से सहमति ली है. ऋषिकेश कोतवाली, SHO ख़ुशी राम पांडे जैसे अधिकारियों ने कथित तौर पर जवाब दिया है, उन्होंने इस घटना से जुड़े लोगों के ख़िलाफ़ इंडियन पीनल कोड (IPC) के सेक्शन 505 के तहत केस दायर कर कार्रवाई की है. ये वीडियो 28 अगस्त, 2023 को ट्विटर पर प्रसारित हुआ था.
Location: Amit gram, Rishikesh, Uttarakhand
Members of Devbhoomi Raksha Abhiyan demolish a Muslim shrine with sledge hammers while chanting Jai Shri Ram slogans. pic.twitter.com/lAWD5e0GTK
— HindutvaWatch (@HindutvaWatchIn) August 28, 2023
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के जलालाबाद, शाहजहांपुर में अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के नेताओं ने ज्ञानवापी मस्जिद को हिंदू मंदिर में बदलने की मांग को लेकर एक रैली निकाली. इस घटना के समय वक्ता ने कहा कि कोर्ट को जारी मामले में मंदिर की मांग को लेकर जारी आंदोलन का समर्थन करना चाहिए.
Location: Jalalabad, Shahjahanpur, Uttar Pradesh
Antarashtriya Hindu Parishad leaders are mobilizing Hindus across Uttar Pradesh to turn the Gyanvapi mosque into a Hindu temple. pic.twitter.com/DCSqCtA3RY
— HindutvaWatch (@HindutvaWatchIn) September 2, 2023
कर्नाटक
कर्नाटक के दोद्दाबल्लापुर में श्री राम सेने के प्रमोद मुथालिक ने भी मुसलमानों पर निशाना साधते हुए नफ़रती बयान दिया है और अंतर्जातीय विवाह को लेकर धमकीनुमा बयान जारी किए हैं. ये घटना सोशल मीडिया पर 2 सितंबर, 2023 को कर्नाटक में कांग्रेस के शासनकाल में हुई.
ग़ौरतलब है कि प्रमोद मुथालिक RSS, बजरंग दल और भाजपा में सक्रिय रहे हैं. भाजपा के ख़िलाफ़ बयान देने के कारण मैंगलोर, कर्नाटक में भाजपा ने उनके प्रवेश पर रोक लगा दी थी. मुथालिक अनेक बार मोलेस्टेशन के मामलों में भी आरोपी रहे हैं. इसी साल 14 जून, 2023 को कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रमोद मुथालिक के ख़िलाफ़ जारी क़ानूनी कारवाई पर रोक लगा दी थी. ये मामला 2017 में मुथालिक के एक अपमानजनक नफ़रती भाषण के बाद शुरू हुआ था. सबरंग इंडिया के अनुसार उनपर सार्वजनिक सभा के दौरान आक्रामक भाषा के प्रयोग के लिए इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 153ए (दो अलग समूहों के बीच हिंसा भड़काना) और 295(ए) (किसी धर्म या वर्ग की भावनाओं को भड़काने के लिए जानबूझकर किए काम की दण्ड) के तहत कारवाई की गई थी.
टाइम्स नाउ के एक आर्टिकल के मुताबिक़, 2005 में उनके ख़िलाफ़ मोलेस्टेशन के क़रीब 45 मामले पेंडिंग थे. जानकार उन्हें लंबे समय से हिंदुत्व का समर्थक बताते रहे हैं. जबकि द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक़ 2022 में कर्नाटक में हिजाब बैन विवाद के समय भी उनके संगठन श्री राम सेने ने मुसलमानों के बॉयकाट की बात की थी.
2018 में एक स्थानीय अदालत ने प्रमोद मुथालिक और 30 अन्य लोगों को 2009 के एक पब अटैक मामले में सबूतों के अभाव में राहत दे दी थी. इसके बाद राज्य में भाजपा सरकार के तहत दोषी क़रार दिए मुथालिक और श्री राम सेने से जुड़े 30 अन्य लोगों को बरी कर दिया था.
इसी साल कर्नाटक में डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस के सामने भी मुथालिक के ख़िलाफ़ प्रोटेस्ट किया गया है. महिला विरोधी, अपमानजनक और हिंसक बयान के विरोध में यह प्रोटेस्ट महिलाओं की अगुवाई में निकाला गया था जिसमें मुथालिक की गिराफ़्तारी की मांग की गई थी. मुथालिक ने फ़रवरी में कहा था कि – ‘लव-जिहाद में एक लड़की के जाने पर हिंदू मर्दों को 10 मुसलमान लड़कियां लानी चाहिए.’
इसके बाद उन्होंने ये भी कहा कि उनका संगठन ऐसे हिंदू पुरुषों को रोज़गार और सुरक्षा देगा. बयान जारी होने के समय अधिकारियों ने प्रतिक्रिया में कोई कड़ी कारवाई नहीं की थी.
इसी तरह अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ पिछले हफ़्ते इन बयानों को लेकर अनेक लोगों ने सोशल मीडिया पर अधिकारियों को टैग करते हुए उनसे एक्शन लेने की अपील की. सबरंग इंडिया के मुताबिक़ इसके एवज़ में अधिकारियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
Location: Doddaballapura, Karnataka
Sri Ram Sena chief Pramod Muthalik delivers hate speech against Muslims and threatens action against interfaith marriages. pic.twitter.com/Gif0PDrWzO
— HindutvaWatch (@HindutvaWatchIn) September 2, 2023
दिल्ली
दिल्ली में कन्हैया मित्तल नामक हिंदुत्ववादी सिंगर ने भी इसी तरह एक नफ़रती बयान दिया है जिसमें उन्होंने ईसाई अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ ज़हर उगला है. उन्होंने कहा-
‘ईसाई समुदाय तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. वो बेहद तेज़ी से हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करा रहे हैं. क्या दिल्ली में ऐसा ही मामला नहीं है? है न? ठीक है, अगर आप फादर के सामने जाते हैं तो बताएं कि दादा कौन है.’
उत्तेजना से भरी हुई भीड़ ने चिल्लाकर इस संबोधन का स्वागत किया.
इससे आगे बढ़ते हुए एक दूसरे उदाहरण में उन्होंने युगांडा के राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए कहा कि ईसा मसीह की मूर्ति के ऊपर भोलेनाथ की मूर्ति लगाई जाए क्योंकि वो ‘दादा‘ हैं. मित्तल ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि-
‘सुनो, धर्मपरिवर्तन मत करो.’
फिर उन्हें क्रिसमस का जश्न न मनाने को कहकर उन्होंने कहा कि- ‘अगर तुम हिंदू हो तो अंग्रेज़ों का पेड़ (क्रिसमस ट्री) लाने की कोशिश मत करो. अगर तुम कुछ ला सकते हो तो तुलसी लाओ. उन्हें पता चलना चाहिए कि हिंदू जाग गए हैं.’
Location: Delhi
Kanhiya Mittal, a devotional singer, delivers hate speech demonizing Christian minorities. pic.twitter.com/NSZuAvJVoi
— HindutvaWatch (@HindutvaWatchIn) September 2, 2023
अगस्त महीने में जस्टिस खन्ना ने नफ़रती बयानों को लेकर चिंता जताते हुए कहा था कि लोगों को नफ़रती बयानों के ख़िलाफ़ कोर्ट की शरण लेनी चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया था कि वह आंतरिक तौर पर काम करेगें, डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस की अगुवाई में नफ़रती बयानों से जुड़ी शिकायतों से निपटने के लिए एक दूसरी कमेटी बनाई जा सकती है. उन्होंने सरकार से इस एप्रोच पर विचार करने को भी कहा है.
इसी तरह टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने भारतीय न्याय संहिता के तहत नफ़रती बयानों पर क़ाबू पाने के लिए विशेष प्रावधान किए हैं, जिसके तहत धर्म से जुड़े ऐसे अपराधों के एवज़ 3 साल तक की सज़ा दी जा सकती है. इस नए संसदीय बिल में कहा गया है कि ज़बानी और लिखित बात के ज़रिए लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़काने पर सज़ा दी जाएगी. इसके तहत जानबूझकर लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने पर एक साल तक की जेल दी जा सकती है.
इस समय नफ़रती बयान को इंडियन पीनल कोड में स्पष्ट रूप से संबोधित नहीं किया गया है. इसलिए अपराधियों को सज़ा देने के लिए कोर्ट्स अनेक अन्य दूसरे प्रावधानों पर निर्भर रहती हैं. लॉ कमीशन के सुझावों ने इससे पहले भी नफ़रती बयानों को क़ानून के तहत स्पष्ट तौर पर अपराध क़रार देने के लिए काम किया है. नए बिल का मक़सद भी यही है.
हेट-स्पीच के लिए विशेष क़ानून के अभाव में आम तौर पर ऐसे मामले इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 153(ए), 153(बी), 295(ए), 298, 505(1) और 505(2) के मुताबिक़ डील किए जाते हैं. 153(ए) सहित इन सेक्शन्स में साफ़ तौर पर कहा गया है कि मौखिक या लिखित तौर पर कोई भी अभिव्यक्ति जिससे असमानता, नफ़रत या अपमान के बीज बोकर धर्म, समाज, संस्कृति, भाषा, क्षेत्र या जाति के नाम पर नफ़रत फैलाई जाए तो उनपर लीगल पेनाल्टीज़ लगाई जा सकती हैं.
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