महाराष्ट्र में पिछले महीने में एक निर्मम हादसा दर्ज होने के बाद तेलंगाना में भी दलित उत्पीड़न की घटना सामने आई है. यहां एक दलित युवक और उसके दोस्त को कथित तौर से बकरी चुराने के आरोप में क्रूर उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है.
आरोपी ने दो लड़कों को पेड़ से उल्टा लटककर प्रताड़ित किया है. उत्पीड़न के दौरान उन्होंने इन युवकों को धुंए से घेरकर भी रखा था. एक वायरल वीडियो में एक ऐसी सीन भी है जिसमें युवक धुंए के बीच मदद के लिए गुहार लगा रहे हैं जबकि फ़ार्म का मालिक और उसके साथियों ने क्रूर प्रतिक्रिया जारी रखी है. ये घटना 2 सितंबर को मनचरिएल ज़िले के मंडमर्री क़स्बे के बाहरी इलाक़े की है.
सीजेपी हेट स्पीच के उदाहरणों को खोजने और प्रकाश में लाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि इन विषैले विचारों का प्रचार करने वाले कट्टरपंथियों को बेनकाब किया जा सके और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जा सके। हेट स्पीच के खिलाफ हमारे अभियान के बारे में अधिक जानने के लिए, कृपया सदस्य बनें। हमारी पहल का समर्थन करने के लिए, कृपया अभी दान करें!
#Telangana Two Dalit youths were hung upside down in a shed and beaten up by the owner of a goat farm on the outskirts of Mandamarry town in Mancherial district on Friday for allegedly stealing a goat.
The victims were identified as Teja and C Kiran. To add to the torture, the… pic.twitter.com/XAEEIpeM7m
— The Dalit Voice (@ambedkariteIND) September 3, 2023
रमागंदुम कमीशनरेट के बेल्ल्मपल्ली पुलिस थाने में इस घटना के एक दिन बाद हिंसा के लिए ज़िम्मेदार 4 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया.
ये ख़तरनाक और दुखद घटना मंडमर्री पुलिस स्टेशन में क्षेत्र में हुई थी. शेड्यूल कास्ट के किरन और तेजा पर 4 लोगों के एक परिवार ने बकरी चुरने का इल्ज़ाम लगाया था. साउथ फ़र्स्ट की रिपोर्ट के मुताबिक़ पुलिस ने इसके बाद सेक्शन 342 (punishment for wrongful confinement), सेक्शन 307 (A2ttempt to murder), IPC के सेक्शन 34 (acts done by several persons with common intention) और SC/ST एक्ट (Prevention of Atrocities) के सेक्शन 3(2) (v) के तहत कारवाई की है.
रमागंदुम की पुलिस कमिश्नर, रमा राजेश्वरी ने कहा कि आरोपी ने पीड़ित के ख़िलाफ़ जाति-आधारित टिप्पणियां कीं थीं. उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि चोरी का मामला होने पर चोरी के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई ज़रूर की जाएगी. इसके बाद राजेश्वरी ने प्रताड़ितों की पृष्ठभूमि पर रौशनी डालते हुए कहा कि – ‘किरन और तेजा स्थानीय इलाक़ों में दिहाड़ी मज़दूरों की तरह काम करते हैं, ऐसा संदेह किया जा रहा है कि उन्होंने ऊंची-जाति के लोगों की बकरी चुराई है.’
साथ ही राजेश्वरी ने घटनास्थल पर मौजूद उन लोगों की भी भार्त्सना की जिन्होंने इस मामले को सुलझाने की जगह मोबाइल फ़ोन से घटना को रिकार्ड किया है.
साउथ फ़र्स्ट से बात करते हुए उन्होंने कहा कि – ‘हम उन्हें पहचानने की प्रक्रिया में हैं और हम इन मूकदर्शकों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कारवाई करेंगें.’
इस घटना का जो वीडियो बाद में वायरल हुआ, उसमें स्पष्ट कहा दिखाया गया कि दो लोगों को उत्पीड़न का शिकार बनाया गया है लेकिन फिर भी दर्ज FIR में दूसरे पीड़ित व्यक्ति का कोई ज़िक्र नहीं है. पुलिस ने बताया कि इन दोनों लोगों को प्रताड़ित किया गया है.
इसमें सबसे बुरा ये हुआ कि उत्पीड़न के बाद गांव छोड़ने के एवज़ इन दोनों विक्टिम्स के ख़िलाफ़ गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया गया है. जिसके बाद अधिकारियों के लिए सुरक्षा, लॉ एण्ड ऑर्डर को क़ायम रखना एक पेचीदा मामला बना हुआ है.
और पढ़ें-
No country for Dalits: brutal incidents of violence against Dalits in the last week of August