तीस्ता सीतलवाड़ को जून में गिरफ्तार किया गया था। उन पर गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों में बेगुनाह लोगों को फंसाने के लिए सबूत तैयार करने का आरोप है। वह साबरमती की सेंट्रल जेल में बंद हैं। आज इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी।
- तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को 2 महीने हो चुके हैं लेकिन अब तक चार्जशीट नहीं फाइल हुई है।
- जाकिया जाफरी की सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज होने के अगले दिन ही FIR दर्ज की जाती है।
- सुप्रीम कोर्ट की ओर से जाकिया केस में जो बात कही गई उससे कहीं अधिक कुछ FIR में नहीं देखने को मिलता है। FIR में जजमेंट के अलावा कंटेंट नहीं है।
- गुजरात हाई कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत अर्जी इतनी देरी से क्यों लिस्ट की।
- न तो UAPA और न ही POTA का केस दर्ज, फिर भी 2 महीने से कस्टडी में रखा गया है।
हम इस मामले में शुक्रवार दोपहर 2 बजे सुनवाई करेंगे। हमें ऐसी कोई मिसाल दें जिसमें ऐसे मामलों में किसी महिला आरोपी को हाई कोर्ट से तरह तारीख मिली हो। या तो ये महिला अपवाद हैं। अदालत यह तारीख कैसे दे सकती है? क्या यह गुजरात में मानक व्यवस्था है? 25 जून को कस्टडी में लिया जाता है और इन दो महीनों के बीच जांच से जुड़े कौन से सबूत जुटाए गए हैं।
गुजरात हाई कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत अर्जी पर 3 अगस्त को राज्य सरकार को नोटिस भेजा था और मामले में सुनवाई की तारीख 19 सितंबर तय की थी। अहमदाबाद की एक सत्र अदालत ने 30 जुलाई को मामले में सीतलवाड़ और पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार की जमानत अर्जियों को खारिज किया था। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यदि उन्हें रिहा किया जाता है तो गलती करने वालों को संदेश जाएगा कि कोई व्यक्ति पूरी छूट के साथ आरोप लगा सकता है और बच सकता है।