Site icon CJP

Teesta Setalvad Bail Plea: तीस्ता सीतलवाड़ पर सरकार से सुप्रीम कोर्ट के 5 सवाल, आज दोबारा होगी सुनवाई

तीस्ता सीतलवाड़ को जून में गिरफ्तार किया गया था। उन पर गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों में बेगुनाह लोगों को फंसाने के लिए सबूत तैयार करने का आरोप है। वह साबरमती की सेंट्रल जेल में बंद हैं। आज इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी।

 
supreme court on teesta setalvad case
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुनवाई में देरी पर सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि गुजरात हाई कोर्ट की ओर से जवाब के लिए राज्य सरकार को नोटिस भेजने के बाद क्यों 6 सप्ताह बाद 19 सितंबर को इसे लिस्ट किया। कोर्ट ने शुक्रवार दोपहर दो बजे तक यह बताने को कहा है कि क्या इस तरह की परिपाटी है। चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने सीतलवाड़ की याचिका पर आगे की सुनवाई आज होगी। तीस्ता सीतलवाड़ को 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में कथित रूप से बेगुनाह लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट की ओर इस केस को लेकर गुरुवार कई सवाल पूछे गए।
  • तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को 2 महीने हो चुके हैं लेकिन अब तक चार्जशीट नहीं फाइल हुई है।
  • जाकिया जाफरी की सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज होने के अगले दिन ही FIR दर्ज की जाती है।
  • सुप्रीम कोर्ट की ओर से जाकिया केस में जो बात कही गई उससे कहीं अधिक कुछ FIR में नहीं देखने को मिलता है। FIR में जजमेंट के अलावा कंटेंट नहीं है।
  • गुजरात हाई कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत अर्जी इतनी देरी से क्यों लिस्ट की।
  • न तो UAPA और न ही POTA का केस दर्ज, फिर भी 2 महीने से कस्टडी में रखा गया है।
हम इस मामले में शुक्रवार दोपहर 2 बजे सुनवाई करेंगे। हमें ऐसी कोई मिसाल दें जिसमें ऐसे मामलों में किसी महिला आरोपी को हाई कोर्ट से तरह तारीख मिली हो। या तो ये महिला अपवाद हैं। अदालत यह तारीख कैसे दे सकती है? क्या यह गुजरात में मानक व्यवस्था है? 25 जून को कस्टडी में लिया जाता है और इन दो महीनों के बीच जांच से जुड़े कौन से सबूत जुटाए गए हैं।
चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट

गुजरात हाई कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत अर्जी पर 3 अगस्त को राज्य सरकार को नोटिस भेजा था और मामले में सुनवाई की तारीख 19 सितंबर तय की थी। अहमदाबाद की एक सत्र अदालत ने 30 जुलाई को मामले में सीतलवाड़ और पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार की जमानत अर्जियों को खारिज किया था। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यदि उन्हें रिहा किया जाता है तो गलती करने वालों को संदेश जाएगा कि कोई व्यक्ति पूरी छूट के साथ आरोप लगा सकता है और बच सकता है।

The original piece may be read here