देश के कोने कोने में आज भी दलितों पर अत्याचार हो रहा है. उनकी आवाज़ को दबाए रखने की कोशिश में उनके नेताओं को जेल में कैद किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में युवा दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ़ रावण को जून २०१७ में सहारनपुर में दंगे भड़काने के जुर्म में गिरफ़्तार किया गया था. हलाकि उन पर लगाये गए इल्जामों को पुलिस अभी तक साबित नहीं कर पाई है और २० से भी अधिक मामलों में उन्हें बेल मिल गयी है, तब भी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत उन्हें आज भी सलाखों के पीछे रखा जा रहा है.
७ अप्रैल से चंद्रशेखर आमरण अनशन पर बैठे हैं. उनकी मांग है की २ अप्रैल को भारत बंद के दौरान जिन दलितों को मार पीट और दंगा भड़काने के झूठे इल्जामों के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया था, उन्हें तुरंत रिहा किया जाए और मृतकों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए. इस इंटरव्यू में भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह भीम आर्मी की स्थापना, उसका काम और साथी चंद्रशेखर रावण के बारे में बताते हैं.