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CJP ने मुंबई और हैदराबाद पुलिस को रामनवमी में हिंसा के ख़तरे से किया आगाह

2022 में रामनवमी के जश्न के दौरान सांप्रदायिक नफ़रत की अनेक ऐसे मामले दर्ज किए गए थे जिसमें बहुसंख्यक समुदाय को अल्पसंख्यक आबादी के ख़िलाफ़ भड़काने के एवज हिंसा की घटनाएं हुई थीं. इन झड़पों में घर, संपत्ति और जायदाद का भी अच्छा ख़ासा नुक़सान हुआ था. पिछले साल गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और मुंबई में ऐसी घटनाएं दर्ज की गई थीं. 

मुंबई के मनखुर्द के इलाके में रामनवमी के दौरान कुछ अतिवादी तत्वों ने नमाज़ पढ़ने की जगह पर जय श्री राम के नारे लगाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की. नारेबाज़ी रोकने के निवेदन के बावजूद वहां भीड़ जमा हो गई. लेकिन माहौल में असल तनाव तब पैदा हुआ जब तलवार के साथ क़रीब 40 लोगों ने रिक्शा सहित मौजूद दूसरे वाहनों को तोड़ना फोड़ना शुरू कर दिया. इस घटना के बाद पुलिस ने उनपर दंगे का मामला दर्ज कर लिया. 

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CJP (Citizens for Justice and Peace) ने पहले ही मुंबई और हैदराबाद पुलिस को रामनवमी जलूस और अलग अलग शहरों में दक्षिणपंथी समूहों के जलूस के बारे में आगाह किया था. CJP ने इस बारे में मार्च 28 को सांताकुझ और 29 मार्च को मानघाट पुलिस को सूचित किया था. मुंबई में विश्व हिंदू परिषद्, बजरंग दल की लोकल यूनिट्स ने शांतिनगर से शुरू होकर दौलतनगर और गजधर बांध तक एक रैली आयोजित की थी.

जबकि हैदराबाद में निलंबित भाजपा विधायक और ‘श्री राम युवा सेना’ के अध्यक्ष टी राजा सिंह ने धूलपेत में विशाल श्री रामनवमी शोभा यात्रा आयोजित की थी. ग़ौरतलब है कि टी. राजा अपने ज़हरीले बयानों के अलावा मुसलमान समुदाय के ख़िलाफ़ हिंसा के लिए उकसाने और इस्लाम को मज़हब को अपमानित करने के लिए लगातार चर्चा में रहते हैं. उन्होंने अनेक बार मुसलमानों के अलावा ईसाई वर्ग को भी अपनी टिप्पणीयों के निशाने पर लिया है. 

CJP ने इन दोनों ही शिकायतों में क़ानून और व्यवस्था के लिए ख़तरा पैदा होने के आसार को चिन्हित करते हुए फ़ौरन उचित कारवाई की मांग की है. हालांकि दोनों ही शहरों के पुलिस स्टेशनों ने CJP को फ़ोन पर आशवस्त किया है कि ये जलसे मज़बूत पुलिस बंदोबस्त के साथ कड़ी निगरानी में पूरे होंगें. पुलिस अधिकारियों ने आशवस्त किया कि शांति और व्यवस्था भंग को कोई ख़तरा नहीं पैदा होगा. 

मुंबई पुलिस को पत्र सौंपते हुए CJP ने संताक्रुझ पुलिस स्टेशन इंचार्ज, पुलिस कमीशनर विवेक फंसालकर और DCP-Zone-IX अनिल परास्कर को पिछले साल की रामनवमी के माहौल, त्रिशूल दीक्षा, पत्थरबाज़ी, स्टूडेंट्स पर हमलों और सांप्रदायिक झड़पों के बारे में भी आगाह किया. 

जबकि मंगलहाट पुलिस से शिकायत के दौरान CJP ने राजा सिंह के नफ़रती बयानों और हिंसक टिप्पणीयों का रिकार्ड भी पेश किया. CJP ने पुलिस को आगाह किया कि राजा सिंह कैसे तेलांगाना हाईकोर्ट के उस आदेश की अवहेलना कर रहे हैं जिसमें उन्हें सार्वजनिक रैलियों में हिस्सा न लेने के निर्देश के साथ एक क़ानूनी केस में ज़मानत मिली थी. इस पत्र में ACP और गोशामहल डिवीज़न, वेसेट ज़ोन हैदराबाद के DCP को संबोधित किया गया था. 

इन दोनों ही शिकायतों में 3 फ़रवरी के सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को भी शामिल किया गया है जिसमें पुलिस को माहौल बिगड़ने पर CrPC के सेक्शन 151 के तहत कारवाई का निर्देश दिया गया है.  इसके अलावा इसमें शीर्ष अदालत के 21 अक्टूबर, 2022 के आदेश को भी दर्ज किया गया है जिसके अनुसार-

‘अगर कहीं कोई ऐसा बयान या कारवाई पेश आए जिससे IPC के सेक्शन 153A, 153B और 295A और 505 में दर्ज अपराधों का ख़तरा पैदा होता हो तो कोई शिकायत दर्ज न होने पर भी मामाले का स्वत: संज्ञान लेकर क़ानून के अनुसार अपराधियों पर कारवाई होनी चाहिए.’ 

कोर्ट के ये दोनों आदेश देश में बढ़ती नफ़रत से जुड़े अपराधों पर लगाम लगाने के लिए दाख़िल याचिकाओं के सुनवाई में न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ़ और बी.वी. नागरत्ना की पीठ ने जारी किए थे. 

हैदराबाद पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत यहां पढ़ें- 

 

मुंबई पुलिस में को सौंपी शिकायत की कॉपी देखें-  

 

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