ये भँवरी देवी की ऐतिहासिक लड़ाई का नतीजा था, जो कार्यरत महिलाओं के यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ एक क्रांतिकारी क़दम बना – विशाखा दिशानिर्देश (Vishakha Guidelines) के रूप में. परन्तु क्या आप जानते है कि अभी भी भँवरी देवी डटी हुई हैं, आज भी साथिन का काम करते हुए दूसरों के अधिकार के लिए संघर्षरत हैं? सुनिए भँवरी देवी को, तीस्ता सेतलवाड़ के साथ इस ख़ास बातचीत में.
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