अभी हाल ही में एक टीचर द्वारा स्टूडेंट्स को मुसलमान बच्चे को पीटने का आदेश देने के वायरल वीडियो ने देश का ध्यान खींचा था, इसके बाद उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले से फिर एक ऐसी ही मिलती-जुलती घटना का वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में एक प्राइवेट स्कूल की शिक्षिका एक मुसलमान बच्चे को हिंदू सहपाठी को पीटने का आदेश दे रही है, जिसके बाद पुलिस ने शिक्षिका को गिरफ़्तार कर लिया है. इस घटना के बाद IPC के सेक्शन 323 (जानबूझ कर चोट पहुंचाना) और 153-ए (धर्म के आधार पर दो अलग वर्गों में शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत केस दर्ज किया गया है. ये शिकायत पीड़ित बच्चे के पिता ने दायर की थी जिन्होंने स्पष्ट बयान दिया है कि कक्षा 5 में पढ़ने वाले उनके बच्चे को टीचर के आदेश पर एक स्टूडेंट द्वारा थप्पड़ मारा गया है.
इस घटना में उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले के दुगावर गांव में स्थित एक प्राइवेट स्कूल में शाइस्ता नामक एक अध्यापिका ने कथित तौर पर सांप्रदायिक भावना भड़काने का प्रयास किया है. ये घटना हमें मुज़फ़्फ़रनगर के खुब्बापुर गांव के प्राइवेट स्कूल में तृप्ता त्यागी का ध्यान दिलाती है जिनपर लगभग समान आरोप है. तृप्ता त्यागी पर आरोप था कि उन्होंने एक मुसलमान बच्चे का होमवर्क पूरा न होने पर उसके हिंदू सहपाठी से थप्पड़ मरवाया. इस पहली घटना के वायरल वीडियो में मुसलमान बच्चा क्लासरूम के सामने आंसू भरी आंखों के साथ खड़ा है जबकि विद्यार्थी बारी-बारी से उसे थप्पड़ मार रहे हैं. हालांकि त्यागी ने अपनी सफ़ाई में कहा कि शारीरिक तौर पर अक्षम होने की वजह से वो सक्रिय नहीं रह पाती हैं, जिस कारण उन्हें अन्य बच्चों को कक्षा की गतिविधियों में शामिल करना पड़ा था.
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इस मामले का सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया था. 25 सितंबर को कोर्ट ने मुज़फ्फ़रनगर के इस मामले को हैंडल करने में उत्तर प्रदेश सरकार की लापरवाही को इंगित किया. कोर्ट ने भेदभाव से मुक्त रवैय्ये के लिए शिक्षा के महत्व पर भी प्रकाश डाला और उत्तर प्रदेश सरकार को एक हफ़्ते के भीतर सीनियर IPS अधिकारी को तैनात कर मुज़फ़्फ़रनगर घटना की जांच कराने का निर्देश भी दिया था. इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार को ट्रेंड प्रोफ़ेश्नल्स द्वारा उस बच्चे और दूसरे बच्चों की काउंसलिंग का निर्देश भी दिया था.
द क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक संभल में दर्ज FIR को 10 वर्षीय विद्यार्थी के पिता द्वारा औपचारिक शिकायत के तौर पर दायर किया गया है. इस शिकायत में उन्होंने कहा है कि कक्षा 5 में पढ़ने वाले उनके बच्चे को टीचर के निर्देश पर एक मुसलमान बच्चे ने थप्पड़ मारा है. द क्विंट के मुताबिक़ बच्चे के पिता के अनुसार उनके बच्चे से सवाल किया गया था जिसका जवाब न मिलने पर टीचर ने पूरी क्लास के सामने दूसरे बच्चों से उसे थप्प्ड़ मारने को कहा. इसके बाद वो बच्चा घर लौट गया और उसने इस घटना को अपने माता-पिता से बताया. उसके पिता ने कथित तौर पर शिकायत में कहा कि उनका पुत्र अपमानित और दुखी महसूस कर रहा है और इस घटना ने उसकी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाई है.
इन दोनों ही मामलों में जांच प्रक्रिया जारी है. ये घटनाएं एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश में निष्पक्ष शिक्षा प्रणाली पर गहरे सवाल खड़ा करती हैं. अगर प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर बच्चे भेदभाव से आज़ाद और सुरक्षित नहीं महसूस करेंगे तो इससे विद्यार्थियों और उनके परिवारों के सामने आगे की शिक्षा के रास्ते में मुश्किल पैदा हो सकती है.
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