लघु सूक्ष्म उद्योग इकाई खादी वस्त्र व हथकरघा मंत्री व अपर प्रमुख सचिव नवनीत सहगल द्वारा खादी भवन लखनऊ में उत्तर प्रदेश के सभी ज़िलों के बुनकर प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की गई थी जिसमें वाराणसी से बुनकरों का प्रतिनिधि मण्डल भी शामिल हुआ।
बुनकरों ने बड़ी बेबाकी से अपना पक्ष रखते हुए कहा कि भारत के प्रधानमंत्री व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की इकोनॉमी को एक ट्रिलियन डालर तक ले जाने की बात कही थी और भारत के बड़े–बड़े उद्योगपतियो को उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टमेंट करने के लिए आग्रह किया था। लेकिन ऐसा नजर नहीं आता।
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उत्तर प्रदेश में किसानी के बाद दूसरा बड़ा उद्योग ,कपड़ा उद्योग ही है जो उत्तर प्रदेश को सबसे ज़्यादा मात्रा में रोज़गार देता है अगर सरकार बुनकरों को सस्ती बिजली देती है तो ज़रूर उत्तर प्रदेश सरकार की इकोनॉमी एक ट्रिलियन डॉलर होना सम्भव है।
इसी कड़ी में बैठक में मौजूद बुनकर राकेश कान्त राय ने अपनी बात रखते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के सचिव नवनीत सहगल के जारी आदेश को UPPCL के अधिकारी नहीं मानते हैं और बनारस मण्डल के बिजली विभाग के अधिकारी आदेश की अवहेलना करते हुए रोज़ आए दिन ज़बर्दस्ती पैसा जमा कराना व कनेक्शन काटना जारी है।
वह यह भी मांग करते हैं कि जल्द से जल्द सरकार द्वारा सभी बुनकरों को फ़्लैट रेट व सस्ते दर पर बिजली उपलब्ध कराई जाए।
इस बैठक में शामिल बनारस के एमएलसी अशोक धवन ने कहा कि प्रदेश भर के आए सभी बुनकर प्रतिनिधियों की बातों को देखते हुए मंत्री जी इन बुनकरों को फ़्लैट दर पर ही बिजली दें व महँगाई को देखते हुए इनके साथ न्याय करें।
मेरठ के विधायक रफ़ीक अन्सारी ने भी कहा कि पूरे प्रदेश के बुनकरों को एक समान समझा जाए और बिना भेदभाव के फ्लैट रेट में ही बिजली दी जाए।
टांडा उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के अध्यक्ष हाजी इफ़्तेखार अहमद ने भी कहा कि दो सालों से फ्लैट रेट के आदेश को पेंडिंग में रखे जाने से बुनकरों में भय बना हुआ है। सरकार जल्द इस पर निर्णय ले और बुनकरों को बिजली विभाग के उत्पीड़न से बचाये।
अंत में एमएलसी अशोक धवन के प्रस्ताव को सभी बुनकरों ने स्वीकार किया।
सरकार की तरफ मंत्री राकेश सचान ने कहा कि बुनकरों की समस्या को समझ लिया गया है, जल्द ही मुनासिब प्रस्ताव बनाकर कैबिनेट को भेजा जाएगा। अगर आवश्यकता पड़ी तो एक बार कुछ खास प्रतिनिधियों को बुलाकर बात की जाएगी।
बुनकरों की मांग पर नवनीत सहगल ने पॉवर कार्पोरेशन के चेयरमैन को निर्देशित किया कि जबतक बुनकरों का मामला हल नहीं होता तब तक बुनकरों के कनेक्शन न काटे जाएं और वसूली का दबाव न बनाया जाए।
मंत्री राकेश सचान ने ये भी वादा किया बुनकरों के फ़र्ज़ी बकाए व फ़र्ज़ी एफआईआर को समाप्त कर बकाए के एरियर को ज़ीरो करने के साथ ही ये भी तय किया जाता है कि बुनकरों को फ्लैट रेट पर ही बिजली दी जाएगी और आश्वस्त किया कि जल्द ही लोड सीमा तय कर फ़ाइनल शासनादेश जारी कर दिया जाएगा।
बैठक में एमएलसी अशोक धवन, विधायक रफ़ीक अंसारी पूर्व चेयरमैन अरशद जमाल, हाजी इफ्तेखार, राकेश कांत, अतीक अंसारी, काशिम अंसारी, फजलुर्रहमान अंसारी, इदरीश अंसारी, रईस अहमद , हाजी रहमतुल्लाह आदि लोग उपस्थित थे।
फ़ज़लुर रहमान अंसारी से मिलें
एक बुनकर और सामाजिक कार्यकर्ता फजलुर रहमान अंसारी उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। वर्षों से, वह बुनकरों के समुदाय से संबंधित मुद्दों को उठाते रहे हैं। उन्होंने नागरिकों और कुशल शिल्पकारों के रूप में अपने मानवाधिकारों की मांग करने में समुदाय का नेतृत्व किया है जो इस क्षेत्र की हस्तशिल्प और विरासत को जीवित रखते हैं।
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