Site icon CJP

महाराष्ट्र में संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ का उल्लंघन, नफरत की नई फसल उगाने का काम

दिसंबर 2022 से महाराष्ट्र के कोने-कोने में पेशेवर नफरतबाज़ घूम रहे हैं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा व भेदभाव उकसाने वाले उनके कट्टर व भड़काऊ भाषणों वाले विषैले वीडियो लगातार सामने आ रहे हैं। दिल्ली में सत्तारूढ़ राजनीतिक नेतृत्व से तो अपेक्षा क्या ही की जाए, महाराष्ट्र में नये बने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री की कठोर (लगभग सहभागी) चुप्पी प्रदेश में सामाजिक भाईचारे के लिए शुभ संकेत नहीं है।

लोकसभा चुनाव 15 महीने दूर हैं और प्रदेश के चुनाव उसके तीन महीने बाद होंगे। देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को बुरा साबित करने, उन्हें बदनाम करने पर निर्भर करने वाली पार्टियों को रास आता है जब ऐसे घृणा भाषणों से प्रदेश में बांटने वाली भावनाओं को भड़काया जाता है। क्या यह कुटिल रणनीति कामयाब होगी? या क्या महाराष्ट्र जिसने अतीत में सांप्रदायिकता के जिन्न को खुद से छिटककर अलग कर दिया है – यह न सिर्फ महामारी के दौरान दर्शनीय था, जब देश के बाकी हिस्सों (खासकर भाजपा शासित प्रदेशों में) मीडिया जनित ज़हर फैलाया जा रहा था बल्कि बाबरी मस्जिद ध्वंस के बाद मुंबई दंगों (1992-93) के बाद के वर्षों में भी दिखा था – इस स्तब्धकारी राष्ट्रीय रुझान का शिकार होगा?

संविधान का शेड्यूल 3 जो प्रदेश व राष्ट्रीय चुनाव में ‘टिकट‘ के लिए कतारें लगाने वाले राजनीति को उकसुक लोग या सामान्य लोग भी कम ही पढ़ते हैं, समझने की बात तो छोड़ ही दीजिये, है लेकिन बहुत स्पष्ट और सरल।

तीसरे शेड्यूल (अनुच्छेद 75(4), 99, 124(6), 148(2), 164(3), 188 और 219) के तहत संसद सदस्य या केंद्रीय मंत्री के रूप में पद की शपथ लेने वाले एक सदस्य के लिए, शपथ सीधी-सरल है: चाहे भगवान के नाम पर ले या संविधान के नाम पर, कानूनन सांसद या मंत्री भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा से बंधा है और उसे संविधान व कानून के अनुसार बिना किसी डर, पक्षपात, लगाव या बुरी नियत के कार्य करना होता है। प्रदेश विधानसभा के सदस्यों के लिए भी शपथ की शब्दावली समान व स्पष्ट है। वह किसी नफरत से भरी विचारधारा की नहीं संविधान और केवल संविधान की शपथ लेते हैं। उनकी विचारधारा उन्हें जो भी सिखाती हो या उनका राजनीति प्रशिक्षण जो भी कहता हो, एक बार चुने गये तो केवल और केवल भारतीय संविधान ही मायने रखता है : समानता, भेदभाव नहीं और सबके लिए न्याय।

तो क्या समय नहीं आ गया जब महाराष्ट्र भारतीय नागरिक सभी चुनावी, जनप्रतिनिधि शक्तियों से यह मांग करने का कि सरल भाषा में कहें तो वह इस शपथ का पालन करें? कि अपने क्षेत्रों में, जहां से व चुने गये हैं और शासन कर रहे हैं, नफरतबाज़ों को रोकें। अभी! 

सिटीज़ंस फॉर जस्टिस एंड पीस (cjp.org.in) लगातार और ज़ोर देकर अभियान चला रहा है, बिना थके कानून का पालन कराने वाले अधिकारियों से नफरतबाज़ों को रोकने व उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहा है। समय आ गया है कि हम अब इसे अगले स्तर पर ले जाएं। समय आ गया है कि क्षेत्रवार नज़रिया अपनाएं और अपने विधायकों और सांसदां से मांग करें कि वह उस शपथ का पालन करें जिसके ज़रिये उन्होंने राजनीतिक सत्ता और दबदबा हासिल किया है। 

यही बात भारतीय पुलिस सेवा बलों और नौकरशाही पर भी लागू होती है। उन्होंने भी वर्दी में और अपने पदों पर संवैधानिक नियमों के पालन को बाध्य हैं। नागरिकों को उनसे भी यह मांग करनी चाहिए, अभी। 

इसकी शुरुआत 14 दिसंबर 2022 को हुई। उसके बाद से, धीमी जल रही आग की तरह, पिछले दो महीनों में प्रदेश ने कई अनुमति लिये कार्यक्रम देखे हैं जहां अतीत में कुख्यात नफरतबाज़ों ने भड़काऊ भाषण दिये हैं, ऐसे आयोजकों के कार्यक्रमों में जो फ्रिंज (अब नहीं) समूह और दक्षिणपंथी संगठन हैं।

फिर बताया जाए कि अब तक महाराष्ट्र नफरती लहर से बचा ही हुआ था, जिसने पिछले कुछ सालों से देश को जकड़ा हुआ है। श्रेय अनूठे महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के नेतृत्व को देना होगा जिसने अपने पिछले इतिहास और मतभेदों के बावजूद संवैधानिक शासन देने के मामले में स्पष्ट रुख अपनाया।

जब देश भर में नफरत का ज़हर फैला हुआ था, नफरती भाषणों और सामाजिक-धार्मिक सभाएं हो रही थीं और पश्चिमी और उत्तरी भारत में, खासकर भाजपा शासित प्रदेशों में, संसदों, जिनमें मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों को नरसंहार की धमकियां दी जा रही थीं, महाराष्ट्र एमवीए सरकार के तहत इससे बचा रहा। 

लेकिन, दिसंबर 2022 से, पिछली सरकार गिरने और नई सरकार बनने के तीन महीने बाद से ही, माहौल बदलने लगा है और नफरत भड़काई जा रही है, मुंबई जैसे महानगर में भी। 

ऐसे कार्यक्रमों की बढ़ती संख्या को देखते हैं तो स्पष्ट होता है कि कुछ फ्रिंज (अब नहीं) समूह कई जिलों में कार्यक्रमों के आयोजनों में संलिप्त हैं और रैलियां निकालते हैं और ऐसे वक्ताओं को बुलाते हैं, जिन्होंने अतीत में नफरती भाषण दिये होते हैं। कई वक्ता पुराने नफरतबाज़ हैं जो ‘हिंदू राष्ट्र‘ (बुनियादी रूप से अपने आप में असंवैधानिक विचार) के कड़वे उपदेश देते हैं, इतिहास को तोड़ते-मरोड़ते हैं मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए। इसमें ईसाइयों को भी नहीं बख्शा जाता है। 

समय आ गया है कि सामान्य प्रगतिशील महाराष्ट्रवासी आगे आएं और बोलें। प्रतिनिधि मंडल लेकर चुने हुए जनप्रतिनिधियों के क्षेत्रों में जाएं, अपना विरोध दर्शायें, खासकर ऐसी जगहों पर जहां ऐसे कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं या आयोजन की तैयारी है और सांसदों, विधायकों, पुलिस अधीक्षकों, पुलिस महानिदेशक से मांग करें कि वह संविधान के प्रति निष्ठा की अपनी शपथ का पालन करें। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।

महाराष्ट्र में 2022-23 में नफरत का माहौल तैयार करने वाली घटनाओं पर एक नजर: 

5 फरवरी 2023 को पनवेल में हिंदू जनजागृति समिति के सदस्यों ने एक सार्वजनिक जुलूस निकाला और हिंदू राष्ट्र के नारे लगाये औरलव जिहादके लिए कानून की मांग की। उन्होंनेलव जिहादियों को फांसी दोनारे लगाये। उन्होंने एक व्यस्त सड़क पर लगातार यह नारे लगाये।

19 फरवरी 2023 को लातूर में तेलंगाना से भाजपा के विधायक टी राजा सिंह ने मुस्लिमों को मारने उनके खिलाफ हिंसा की बात की ताकि हिंदू राष्ट्र बनाया जा सके। भाषण छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर हजारों की उपस्थिति में दिया गया।

15 फरवरी 2023 को पुणे में सुरेश चव्हाणकेआसाराम बापू दिवसमनाने के लिए एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने हथियार साथ रखने के महत्व पर ज़ोर दिया और यह गलत दावा किया कि संविधान आपको अपने बचाव के लिए हथियार रखने की अनुमति देता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास फोन हैं पर किसीके पास आत्मरक्षा के लिए हथियार नहीं हैं। उन्होंने जोड़ा, “आने वाले दिनों में जो हालात पैदा होने वाले हैं, आपको इस बारे में सोचना चाहिए।

14 फरवरी 2023 (वेलंटाईन डे) को बजरंग दल सदस्यों ने एक रैली नागपुर में निकाली और सदर इलाके में स्थित दुर्गा माता मंदिर में सामूहिक हनुमान चालिसा के पाठ का आयोजन किया। रैली संविधान चौक पर पूरी हुई जहां 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में मारे गये एक सीआरपीएफ जवानन को श्रद्धांजलि दी गई।

11 फरवरी 2023 को हिंदू जनाक्रोश सभा बुलढाणा के खामगांव में हुई। अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगाड़िया ने कहा कि जो मुगलों के सामने झुके वह कायर मुस्लिम थे और जो नहीं झुके वह छत्रपति संभाजी के बेटे थे। उन्होंने कहा कि हमारे पास पूरी दुनिया पर शासन की ताकत है, केवल भारत पर नहीं।

12 फरवरी 2023 को सकाल हिंदू समाज के सदस्य मुंबई की आरे कालोनी में राम मंदिर में जमा हुए मरोल तक रैली निकालने के लिए। आरे पुलिस ने उन्हें रैली निकालने नहीं दी, वक्ता राम मंदिर पर जमा हुए। श्रीराज नायर, मोहन सालेकर ने कहा कि कैसे वह कब्रिस्तान का निर्माण रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हिंदुओं को एक होने की अपील की। यह मोर्चा राम मंदिर के निकट कब्रिस्तान के कथित निर्माण के खिलाफ था।

9 फरवरी 2023 को कालीचरण महाराज ने बारामती, पुणे में हिंदू जनगर्जना मोर्चा  भाषण दिया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम हर किसीको मुस्लिम बनाना चाहते हैं क्योंकि जो मुस्लिम नहीं हैं वह काफर हैं और कुरान में लिखा है कि आपको काफिर को मार देना चाहि।मैं काफर हूं इसका मतलब (उनके द्वारा) मार दिये जाने लायक हूं। उन्होंने कहा, “काफिरों की पत्नियां चुराई हुई संपत्ति हैं और एक महिला का 50 लोग बलात्कार करें यह भी बड़ी बात नहीं है।उन्होंने कश्मीर में महिलाओं से बलात्कार के बारे में दिया वह भाषण दोहराया था जो उन्होंने  नंदुरबार में दिया था और लोगों सेकश्मीर फाईल्सफिल्म देखने को कहा। सिटीजंस फॉर पीस एंड जस्टिस ने महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक और बारामती पुलिस से शिकायत कर इस कार्यक्रम के खिलाफ प्रतिरोधक कार्रवाई की मांग की थी और बारामती सांसद सुप्रिया सुले को भी एक ज्ञापन भेजा था। हालांकि कोई कार्रवाई नहीं की गई और ही कालीचरण पर पुलिस ने सार्वजनिक रूप से दिये गये नफरत फैलाने वाले भाषण को लेकर कोई मामला दर्ज किया।

6 फरवरी 2023 को कालीचरण महाराज ने विश्व हिंदू परिषद की तरफ से नंदुरबार में आयोजित कार्यक्रम में भाषण दिया था, जहां उन्होंने कहा था, “मुस्लिम तैयार हैं। जब मस्जिदों मदरसों पर छापे मारे जाते हैं तो तलवारें, एके 47, आरडीएक्स मिलता है। जब मंदिरों पर छापे मारे जाते हैं तो क्या कोई बंदूकें या तलवारें कभी मिली हैं?“ उन्होंने इसके बाद बेबुनियाद दावे किये कि कश्मीर में लगभग 30 साल पहले 5 लाख महिलाओं का सामूहिक बलात्कार किया गया था। उन्होंने कहा कि यदि हम तैयार नहीं हैं तो यह भी कश्मीर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि लाखों मंदिर नष्ट किये गये हैं और कुतुबुद्दीन ने काशी विश्वेश्वर मंदिर तोड़ा और शिवलिंग पर पेशाब किया और वहां मस्जिद बनाई। उन्होंने इतिहास को तोड़ते मरोड़ते हुए दावा किया कि मुस्लिम राजाओं ने भारत में कई मंदिर तोड़े और मस्जिदें बनाईं।

30 जनवरी 2023 को परभणी में मुंबई के सकाल हिंदू समाज ने एक रैलीहंदू जन आक्रोश मोर्चाका आयोजन किया था। रैली कथितलव जिहादऔरभूमि जिहादके खिलाफ आयोजित की गई थी औैर गोशमहल विधायक टी राजा सिंह ने मुस्लिमों के स्वामित्व वाले व्यावसायों का बॉयकॉट करने और हिंदुओं कोगला काटनेका आह्वान किया। यह मोर्चा मराठवाड़ा के परभणी से पिछले साल नवंबर में शुरू हुआ था और परभणी, नांदेड़, अहमदनगर, कोल्हापुर, गढ़चिरौली, सतारा, कराड, सांगली, सोलापुर, पुणे, धुले, जलगांव, नागपुर, अमरावती, हिंगोली, बुलढाणा और जालना समेत महाराष्ट्र के 20 जिलों में ऐसी कई रैलियों का आयोजन किया गया।लव जिहादके साथ इन प्रदर्शनों मेंभूमि जिहादकी अजीब अवधारणा को स्थापित करने की कोशिश की गई।

22 जनवरी 2023 नगर, महाराष्ट्र में हुए एक कार्यक्रम में सुरेश चव्हाणके ने मुस्लिम विरोधी घृणा भाषण दिया। उन्होंने लोगों को सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ जाने और उनके साथ हिंदू राष्ट्र की शपथ लेने के लिए उकसाया। वीडियो की शुरुआत सुरेश चव्हाणक्यों चले रे क्यों चले? हिंदू राष्ट्र के लिए चले“ “अरे लाना होगा लाना होगा, हिंदू राष्ट्र लाना होगा

उन्होंने मराठी में बोलना शुरू किया और कहा, “क्या मैं मराठी में बालूंष् सूअर मराठी नहीं समझते, इसलिए मैं कभीकभी हिंदी में बोलूंगा।

उन्होंने कहा, “सफेद चद्दर पर चढाया गया हर रुपया तुम्हारे सफेद कफन की व्यवस्था करेगा, सावधान रह जाओ।

13 जनवरी 2023 को महाराष्ट्र के बोईसर में शौर्य पथ संचालन कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता शंकर गायकर ने पिछले मुगल मराठा नेताओं औैर इस्लाम के इतिहास का हवाला देते हुए भड़काऊ भाषण दिये। बजरंग दल के डंडे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह उनके खिलाफ इस्तेमाल किया जाएगा जोराष्ट्र के खिलाफ कार्य करेंगे, भारत माता का अपमान करेंगे, भारत माता के सीने पर तलवार रखेंगे और चाकू का इस्तेमाल करेंगे। यह डंडा तब काम आयेगा।

उन्होंने आगे कहा, “किसीमें इतनी ताकत नहीं है कि हिंदू की बेटी को ले जा सके। ध्यान में रखें कि कड़वापन उनके खून में है। हिंदू कभी क्रूर नहीं होता, हिंदू हमेशा गुस्से में होता है और वह सामने से लड़ता है।मुस्लिम समुदाय के बारे में उन्होंने कहा, “उनकी हजारों वर्षों की क्रूरता की परंपरा है।

7 जनवरी 2022 को मुंबई के सेंट माइकल चर्च कब्रिस्तान में दर्जन भर कब्रें औैर क्रॉस की विडंबना की गई।

25 दिसंबर 2022 को सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक ने जलगांव, महाराष्ट्र में हिंदू जनजागृति समिति के कार्यक्रम में भाषण दिया। इस्लामोफोबिक रवैये को जारी रखते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जलगांव से खंडवा तक यदि आप ट्रेन में जा रहे हैं तो आप देखेंगे कि जमीन पर कब्जा कर लिया गया है, “भूमि जिहादहो गया है। ऐसा लगता है कि ट्रेन पाकिस्तान से गुज़र रही है। चूंकि उस दिन क्रिसमस था, ईसाइयों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा, “भारत में दो फीसदी ईसाई हैं, कम से कम जो अपना सही नाम बताते हैं, नकली को छोड़ दीजिये। इन दो फीसदी का त्यौहार 98 फीसदी लोगों पर थोपा जाता है।
उन्होंने बौद्धों से भी बात की, उन्हें म्यांमार का उदाहरण दिया, “मैं भारत के बौद्धों से कहना चाहता हूं म्यांमार के बौद्धों से कुछ सीखिये। उन्होंने रोहिंग्या को अपने देश से भगा दिया। उन्होंने काह कि तुम्हारा जिहाद हमारे देश में नहीं चलेगा।

14 दिसंबर 2022 को अहमदनगर में हुए एक और हिंदू जन आक्रोश मोर्चा में नफरत फैलाने वाले कालीचरण महाराज नेलव जिहादके मामलों को लेकर गलत दावे किये औैर उन्हें तथ्यों की तरह पेश किया औरलव जिहादके इलाज के रूप में काले जादू औैर अंधविश्वास की वकालत की। उन्होंने दर्शकों को यह चेतावनी भी दी कि ईसाईयत और इस्लामधर्म नहीं हैंऔर यह कि मुस्लिमों के पास “800 वर्ष पुरानी योजना“ – गज़वाहिंदहै भारत कोमुस्लिमों के देश मेंबदलने के लिए।

नफरत की आग को बुझाया जा सकता है, भारतीय संविधान के मूल्यों व सिद्धांतों के प्रति निष्ठा रखने वाली बहुसंख्या के लगातार हस्तक्षेप से। अच्छे बहुसंख्य की चुप्पी हमारी सबसे बड़ी समस्या है। इस चुप्पी को तोड़ना होगा और शांति व भाईचारे के लिए सड़कों पर विरोध प्रदर्शनों की लहर चलानी होगी।

स्थान विधायक सांसद
नागपुर नितिन गडकरी (भाजपा)
नागपुर – पश्चित  सुधाकर देशमुख (भाजपा) 
पुणे गिरीश बापट (भाजपा) 
बारामती (ग्रामीण पुणे)  अजित पवार (राकांपा)  सुप्रिया सुले (राकांपा) 
नंदुरबार  विजयकुमार गावित (भाजपा)  हिना विजयकुमार गावित (भाजपा) 
रत्नागिरी  विनायक राऊत (उद्धव ठाकरे शिवसेना) 
गोरेगांव (मुंबई)  विद्या ठाकुर (भाजपा)  गजानन कीर्तिकर (एकनाथ शिंदे शिवसेना) 
पालघर  राजेंद्र गावित (एकनाथ शिंदे शिवसेना) 
बोईसर  राजेश पाटिल (बीवीए) 
अहमदनगर  सुजय पाटिल (भाजपा) 
अहमदनगर (शहर)  संग्राम जगताप (राकांपा) 
जलगांव  उन्मेष पाटिल (भाजपा) 
जलगांव (शहर)  सुरेश भोले (भाजपा) 
जलगांव (ग्रामीण)  गुलाबराव पाटिल (एकनाथ शिंदे शिवसेना) 
लातूर  सुधाकर श्रंगारे (भाजपा) 
लातूर (ग्रामीण)  धीरज देशमुख (कांग्रेस) 
लातूर (शिहर)  अमित देशमुख (कांग्रेस)

संबंधित:

CJP COMPLAINT TO DGP, MAHARASHTRA AND NCM AGAINST MISLEADING AND ISLAMOPHOBIC SPEECH BY KALICHARAN

Hate Speech: Kalicharan spews hate against Muslims in protest for “Love-Jihad” law, Maharashtra

Christmas of the 2% is being imposed on the 98%, says Suresh Chavhanke