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केंद्र और राज्य सरकार को असीमित शक्ति देने वाले क़ानूनों की एक फ़ैक्टशीट

UAPA (ग़ैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के अलावा भी ऐसे अनेक क़ानून हैं जिनके तहत   केंद्र और राज्य सरकार को ‘देश की सुरक्षा’ और उससे जुड़े अपराधों के मद्देनज़र असीमित शक्तियां सौंप दी जाती हैं.

राष्ट्रीय या राज्य स्तर पर ये क़ानून उचित मक़सद के तहत (in acts in good faith) काम करते हुए क़ानून लागू करने वाली संस्थाओं को अपार अधिकारों से लैस कर देते हैं. ये क़ानून अनेक बार व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए बड़े ख़तरे की तरह उभरे हैं. लोकतंत्र, मूल अधिकारों और मानवाधिकारों के मद्देनज़र इनकी पड़ताल बेहद ज़रूरी है. 

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 (NSA, 1980)

NSA के एक केन्द्रीय क़ानून होने के बावजूद इसका इस्तेमाल राज्य स्तर पर भी किया जाता है. इसके तहत अनेक लोगों को हिरासत में लिया गया है. माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके दुरूपयोग पर सवाल उठाए हैं. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने रिवेन्यू रिकवरी से जुड़े मामले में समाजवादी पार्टी के नेता युसुफ़ मलिक के ख़िलाफ़ NSA के इस्तेमाल पर सवाल उठाया है. बिल्कुल इसी तर्ज़ पर तमिलनाडू सरकर ने भी बिहार के एक यूट्यूबर को NSA के तहत हिरासत में लिया था जिसपर प्रवासी मज़दूरों पर हमले के बारे में फेक वीडियो फैलाने का आरोप था. कोर्ट ने इस केस को भी कटघरे में रखा है. 

जम्मू और कश्मीर  सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम, 1978 (PSA)

PSA के बारे में विस्तार से यहां पढ़ें

सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां अधिनियम) 1958 (AFSPA)     

अरूणाचल प्रदेश 

1 अप्रैल, 2021 से 30 सितंबर 2021 तक अरूणांचल प्रदेश के 3 ज़िले तिराप, चांगलांग और लांगडिंग सहित कुछ अन्य पुलिस स्टेशनों को AFSPA के सेक्शन 3 के अंर्तगत अशांत क्षेत्रघोषित किया गया था.  

मणिपुर 

असम

नागालैंड  

महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम 

MAHARASHTRA CONTROL OF ORGANISED CRIME ACT (1999)

कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम 

KARNATAKA CONTROL OF ORGANISED CRIME ACT, 2000 (KCOCA)

छत्तीसगढ़ विशेष सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम, 2005 (CSPSA)

गुजरात संगठित अपराध औऱ आतंकवाद नियंत्रँण अधिनियम 

GUJARAT CONTROL OF TERRORISM & ORGANISED CRIME ACT, 2019 (GCTOCA)

असामाजिक गतिविधि नियंत्रण अधिनियम, 1985  (PASA)

 

और पढ़ें- 

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