शांति, अहिंसा तथा सभी संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हेतु CJP सदा सक्रिय रहा है. आज देश भर में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर भी हमारी नज़र बनी हुई है. हाल ही में वाराणसी में २०० वर्ष पुराने सेंट थॉमस गिरिजा घर पर हुए हमले के बारे में जब हमें पता चला तो हमनें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) से इस मामले में जांच का अनुरोध किया.
सूत्रों के अनुसार और फेसबुक पर छपे पोस्टों के आधार पर यह प्रतीत होता है कि हिंदी युवा शक्ति सगठन ने यह हमला किया है. इस संगठन के कई सदस्यों ने फेसबुक पर काफ़ी भड़काऊ लेख और विडिओ पोस्ट किए हैं. आप कुछ उदहारण यहाँ देख सकते हैं –
हालांकि गिरिजा घर के आस पास हमला कर्ताओं की एक बड़ी भीड़ एकत्रित हो गयी थी, फिर भी इस मामले में मुख्यधारा की मीडिया ने बहुत कम खबरें छापी.
भड़काऊ भाषण देकर या सोशल मीडिया द्वारा नफ़रत फैला कर अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ हिंसा भड़काने के मामले बढ़ रहे हैं. CJP ने इसी लिए हेट वॉच मुहीम शुरू की है, ताकि ऐसे मामलों में न्याय मिल सके. आप भी यहाँ दान करके हमारे इस शांतिपूर्ण सत्याग्रह से जुड़ सकते हैं.
वाराणसी के कई इसाई तथा मानवाधिकार संगठनों ने उत्तर प्रदेश प्रशासन के आला अफसरों को एक पत्र लिखा. मानवाधिकार संगठनों द्वारा लिखित यह पत्र आप यहाँ पढ़ सकते हैं.
CJP ने भी इस संदर्भ में NHRC को पत्र लिखा और उनसे अनुरोध किया की मामले की पूरी जांच हो. हमने यही अनुरोध उत्तर प्रदेश पुलिस से भी क्या है. इस बात को ध्यान में रखते हुए कि इसाई समुदाय के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने के लिए फेसबुक का भारी मात्रा में उपयोग किया गया, हमने उनसे भी अपील की है कि वे भी जांच पड़ताल करें की उनके माध्यम का दुरूपयोग कैसे हुआ. आप हमारा पत्र यहाँ पढ़ सकते हैं.
और पढ़िए-
भड़काऊ भाषण रोकने के लिए किस तरह करें एफ़.आई.आर. दर्ज
सोशल मीडिया पर फैला मुसलमानों और रोहिंग्याओं के ख़िलाफ़ नफ़रत का ज़हर
हेट वॉच- धर्म संसद में हुए नफ़रतपूर्ण भाषणों के ख़िलाफ़ CJP ने दर्ज कराई शिकायत